अहमदाबाद हादसा: जिंदा बचे विश्वास बोले – “रोज मर रहा हूं”;

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अहमदाबाद हादसा
अहमदाबाद हादसा

पारिवारिक कारोबार ठप,

वकील ने इलाज के लिए स्पेशल पैकेज देने की अपील

अहमदाबाद हादसा

अहमदाबाद के उस भीषण हादसे को भले ही कुछ महीने बीत चुके हों, लेकिन उसके घाव आज भी ताज़ा हैं। हादसे में विश्वास नामक युवक बचे तो ज़रूर, पर अब उनकी ज़िंदगी संघर्ष का दूसरा नाम बन चुकी है।
विश्वास ने कहा — “हादसे में मैं बच गया, लेकिन अब रोज़ थोड़ा-थोड़ा मरता हूं। परिवार का कारोबार ठप हो गया है, कोई सहारा नहीं है।”

विश्वास की हालत अब भी नाज़ुक बताई जा रही है। उनके वकील ने गुजरात सरकार से इलाज और पुनर्वास के लिए ‘स्पेशल पैकेज’ देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि दर्जनों पीड़ित परिवारों की सामूहिक त्रासदी है।

हादसे के बाद से विश्वास के घर में रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो गया है। परिवार ने बताया कि सरकार और प्रशासन ने शुरुआती मदद तो दी, पर आगे का खर्च बहुत अधिक है।

स्थानीय सामाजिक संगठनों ने भी आगे आकर विश्वास और अन्य पीड़ितों के लिए सहायता अभियान चलाने की घोषणा की है।

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