प्रमोशन और एसीआर पर पड़ेगा असर
हरियाणा में पशुपालन विभाग के लिए हुई डिपार्टमेंटल एग्जाम (Departmental Exam) के परिणामों ने विभागीय व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 56% पशु चिकित्सक (Veterinary Officers) परीक्षा में फेल हो गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, परीक्षा में शामिल हुए अधिकांश डॉक्टरों की थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में कमजोर प्रदर्शन देखने को मिला। यह परीक्षा पशुपालन विभाग के अंतर्गत कार्यरत चिकित्सकों के प्रमोशन और एसीआर (Annual Confidential Report) से सीधे जुड़ी होती है, इसलिए परिणाम का प्रभाव उनके भविष्य पर पड़ेगा।
विशेषज्ञों ने कहा है कि इतने अधिक चिकित्सकों का फेल होना विभागीय प्रशिक्षण, तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव की कमी को दर्शाता है। इससे न केवल प्रशासनिक प्रणाली पर सवाल उठे हैं बल्कि पशुपालन सेवाओं की गुणवत्ता पर भी चिंता बढ़ गई है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि कई चिकित्सक फील्ड वर्क में व्यस्त रहते हैं, जिससे उन्हें परीक्षा की तैयारी का समय नहीं मिल पाता। वहीं, कुछ ने पाठ्यक्रम को पुराना और अव्यवहारिक बताते हुए ट्रेनिंग सिस्टम में सुधार की मांग की है।
अब विभाग फेल उम्मीदवारों के लिए री-एग्जाम और रिफ्रेशर ट्रेनिंग प्रोग्राम पर विचार कर रहा है, ताकि उनकी तकनीकी दक्षता को बढ़ाया जा सके।
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