चंडीगढ़ में एडीजीपी सुसाइड केस में बड़ा एक्शन: चीफ सेक्रेटरी सहित 3 IAS, 12 IPS पर FIR

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चंडीगढ़ : हरियाणा के एडीजीपी वाई. पूरन कुमार सुसाइड केस में चंडीगढ़ पुलिस ने सनसनीखेज कार्रवाई करते हुए 3 आईएएस और 12 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह मामला पुलिस स्टेशन सेक्टर-11, चंडीगढ़ में दर्ज किया गया, जिसमें कुल 15 वरिष्ठ अधिकारियों को नामजद किया गया है। एफआईआर धारा 108 (read with 3(5) BNS) और अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1)(r) के तहत दर्ज की गई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई पूरन कुमार की आत्महत्या से जुड़े तथ्यों और उनके अंतिम नोट में उल्लेखित उत्पीड़न और मानसिक दबाव के आरोपों के आधार पर की गई है। जांच में कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी जब्त किए गए हैं, जिनकी पड़ताल एससी/एसटी एक्ट की विशेष शाखा द्वारा की जा रही है।

नामजद अधिकारी:

आईएएस:

अनुराग रस्तोगी, चीफ सेक्रेटरी, हरियाणा

टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पूर्व चीफ सेक्रेटरी, हरियाणा

राजीव अरोड़ा, पूर्व एसीएस (गृह विभाग)

आईपीएस:

शत्रुजीत कपूर, डीजीपी, हरियाणा

मनोज यादव, पूर्व डीजीपी

पी.के. अग्रवाल, पूर्व डीजीपी

कला रामचंद्रन, प्रिंसिपल सेक्रेटरी

संदीप खिरवार, एडीजीपी

अमिताभ ढिल्लों, एडीजीपी

संजय कुमार, एडीजीपी

माता रवि किरण, एडीजीपी

शिवास कविराज, कमिश्नर, पंचकूला

पंकज नैन, आईजी

कुलविंदर सिंह, आईजी

नरेंद्र बिजरानिया, एसपी

जांच में क्या सामने आया? पुलिस का कहना है कि पूरन कुमार ने अपने अंतिम नोट में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर उत्पीड़न और मानसिक दबाव का जिक्र किया था। इस नोट के आधार पर जांच शुरू की गई, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। हालांकि, अभी तक किसी भी अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। चंडीगढ़ पुलिस ने बयान जारी कर कहा, “मामले की जांच पूरी निष्पक्षता के साथ की जा रही है। सभी तथ्यों और साक्ष्यों की गहन पड़ताल के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा।”

प्रशासन में हड़कंप इस कार्रवाई से हरियाणा के प्रशासनिक और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। इतने बड़े पैमाने पर वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना अपने आप में एक अभूतपूर्व घटना है। इस मामले ने न केवल पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था में जवाबदेही के सवाल खड़े किए हैं, बल्कि कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य और दबाव जैसे मुद्दों को भी उजागर किया है।

जांच के नतीजे और इस मामले का भविष्य क्या होगा, यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन फिलहाल यह केस चर्चा का केंद्र बना हुआ है।

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