सफीदों, (एस• के• मित्तल) : सफीदों उपमंडल क्षेत्र में धान उत्पादक किसान इस बार जागरूक भी दिखाई दे रहा है और पराली जलाने वालों के खिलाफ करवाई करने के सरकारी निर्देश का डर भी है। इसलिए इस उपमंडल क्षेत्र में आमतौर पर किसान अब तक धान की पराली जलाने से परहेज ही कर रहा है। उपमंडल कृषि अधिकारी डाक्टर सुशील गुप्ता के अनुसार इस इलाके में पिछले एक माह में पराली जलाने के केवल दो मामले डिटेक्ट हुए हैं। इनमें एक मामला गांव खेड़ाखेमावती व एक मामला मुवाना का है। इनसे क्रमशः दस व पांच हजार रुपये जुर्माना वसूला किया गया है। दोनों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। डाक्टर सुशील गुप्ता ने बताया कि सेटेलाइट से हर रोज सांय 5 बजे के आसपास पराली जलाने की घटनाओं की जानकारी संबंधित अधिकारियों को मिल जाती है। जिसके बाद वे फौरी तौर पर मौके पर जाते हैं और जांच करके कार्रवाई करते हैं। डाक्टर गुप्ता ने बताया कि इस क्षेत्र में इस बार किसान धान की पराली को खेत में बिखेर कर खेत में रोटावेटर चला कर इसे काट रहे हैं। जब पराली कट कर आंशिक रूप से मिट्टी में दब जाती है तो खेत में पानी छोड़ दिया जाता है ताकि यह गल कर मिट्टी में मिल जाए और अगली फसल के लिए पोषक बने। इस तरह प्राकृतिक तरीके से पराली के निपटान पर किसानों को 1200 रुपए प्रति एकड़ अनुदान दिए जाने का भी असर है कि किसान पराली जलाकर जुर्माना भरने की बजाय अनुदान लेने को बेहतर मान रहा है।
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