सफीदों, (एस• के• मित्तल) : एसडीएम पुलकित मल्होत्रा ने बताया कि किसान धान फसल की कटाई करने उपरांत अवशेषों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में इन सीटू कृषि यंत्रों का प्रयोग करते हुए खेतों में मिलाकर मिट्टी की गुणवत्ता को बढाने का कार्य करें। ताकि रासायनिक खाद की मात्रा एवं खर्च कम किया जा सके। इन सीटू प्रबंधन में किसान पराली को एसएमएस सुपर सीडर स्ट्रा बेलर, रिवर्सिबल, एमबी प्लाऊ, डिस्क प्लाऊ, सब सोयलर, रोटावेटर जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों के माध्यम से मिट्टी में आसानी से मिला सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसान एक्स सीटू तकनीक में स्ट्रॉबेलर जैसे आधुनिक कृषि यंत्र का प्रयोग करके पराली की गांठ बनाकर उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए उपमंडल के विभिन्न गांवों में 25 स्ट्रा बेलर उपलब्ध हैं1 जिनमें से 15 स्टराबेलर सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि एक्स सीटू के बजाय किसान इन सीटू प्रबंधन को ज्यादा से ज्यादा अपनाए, जिससे भूमि में वायु का संचार एवं उत्पादन क्षमता बढ़ती है। इस मौके पर उन्होंने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग खेतों में पराली न जलाकर इन सीटू या एक्स सीटू फसल अवशेष प्रबंधन करने पर किसानों के लिए 1200 रूपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान करता है।