पराली जलाने पर रोक के लिए एसडीएम सत्यवान सिंह मान के सख्त निर्देश

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कहा : फील्ड में रहकर किसानों को जागरूक करें अधिकारी 

जींद : फसल अवशेष (पराली) जलाने से होने वाले प्रदूषण और पर्यावरणीय नुकसान को रोकने के लिए जींद के एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने स्थानीय लघु सचिवालय में एक महत्वपूर्ण बैठक ली। बैठक में पराली प्रबंधन योजनाओं की समीक्षा की गई और अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए।

एसडीएम मान ने कहा, “किसी भी सूरत में खेतों में पराली नहीं जलनी चाहिए।” उन्होंने जिला प्रशासन की रणनीति को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया, जिसमें किसानों को जागरूक करना, वैकल्पिक उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करना और कानून का पालन सुनिश्चित करना शामिल है।

नोडल अधिकारियों की नियुक्ति: पराली प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए येलो जोन में प्रत्येक 50 किसानों पर और ग्रीन जोन में प्रत्येक 100 किसानों पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इन अधिकारियों को फील्ड में सक्रिय रहकर किसानों को पराली न जलाने, वैकल्पिक समाधान अपनाने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए हैं।

एप पर अनिवार्य रिपोर्टिंग: पारदर्शी मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारियों को अपनी फील्ड विजिट की तस्वीरें और जानकारी सरकारी एप पर अपलोड करने का आदेश दिया गया है। इससे प्रशासनिक निगरानी को और मजबूत किया जाएगा।

एसडीएम ने जोर देकर कहा कि पराली जलाना न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह पर्यावरण और भावी पीढ़ियों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने अधिकारियों से इस अभियान को गंभीरता से लेने और किसानों को समझाने को कहा कि पराली जलाना हानिकारक है, जबकि वैकल्पिक उपाय उपलब्ध हैं।

विभागों में समन्वय का निर्देश: बैठक में उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आपसी तालमेल के साथ कार्य करने को कहा गया। एसडीएम ने स्पष्ट किया कि प्रशासन का लक्ष्य किसानों को दंडित करना नहीं, बल्कि जागरूकता और पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है। बैठक में नायब तहसीलदार बलराज और कृषि विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।

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