34 साल तक पंजाबी विश्वविद्यालय में पढ़ाया,
प्रभ गिल और रविंदर ग्रेवाल जैसे सिंगर तैयार किए
लुधियाना। पंजाबी विश्वविद्यालय (PAU) के संगीत विभाग के प्रोफेसर भल्ला का जीवन और योगदान किसी प्रेरक कहानी से कम नहीं। बंटवारे के समय अपनी आंखें खो देने के बावजूद, उन्होंने संगीत के माध्यम से दुनिया को देखा और अनेकों छात्रों को तराशा।
प्रोफेसर भल्ला ने 34 साल तक PAU में संगीत की पढ़ाई कराई और अपनी मेहनत और समर्पण से कई विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाई। उनके छात्र प्रभ गिल और रविंदर ग्रेवाल जैसे प्रसिद्ध सिंगर बने, जिन्होंने पंजाबी संगीत को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
शिक्षकों और विद्यार्थियों के अनुसार, भल्ला का संगीत और शिक्षा के प्रति समर्पण अद्वितीय था। उन्होंने दृष्टिहीन होने के बावजूद नोटेशन, गायन और संगीत के सिद्धांतों की शिक्षा को सरल और रोचक तरीके से पढ़ाया। उनका उद्देश्य केवल छात्रों को तकनीकी ज्ञान देना नहीं था, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और मंच पर प्रस्तुति की कला भी विकसित करना था।
भल्ला का जीवन यह संदेश देता है कि शारीरिक अक्षमता कभी भी सपनों की राह में बाधा नहीं बन सकती। उनके योगदान के कारण PAU का संगीत विभाग देश में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है।
पूर्व छात्रों ने उन्हें याद करते हुए कहा कि प्रोफेसर भल्ला ने संगीत को जीवन का प्रकाश बनाया और विद्यार्थियों के लिए जीवन की प्रेरणा बने। उनकी शिक्षाओं का प्रभाव आज भी पंजाबी संगीत की दुनिया में देखा जा सकता है।
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