🌾 हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में आई बड़ी गिरावट
चंडीगढ़: इस सत्र में हरियाणा के खेतों से राहत भरी खबर आई है।
राज्य में अब तक पराली जलाने की घटनाएँ बहुत कम दर्ज हुई हैं।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, अब तक केवल 58 आग लगने की घटनाएँ सामने आई हैं, जो पिछले साल के मुकाबले काफी कम हैं।
हालांकि, 13 अक्टूबर के बाद इन मामलों में थोड़ी तेजी देखने को मिली है, जिससे प्रशासन फिर सतर्क हो गया है।
🚜 सरकार की सख्त निगरानी और किसानों की जागरूकता का असर
कृषि विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों और पराली प्रबंधन योजनाओं का असर अब मैदान में नजर आ रहा है।
गांवों में किसानों को बायो डिकंपोजर, मल्चर, और हैप्पी सीडर मशीनों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि इस बार किसानों ने पराली जलाने की बजाय वैकल्पिक तरीकों को अपनाया, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार भी देखा जा रहा है।
📈 पिछले साल की तुलना में सुधार
पिछले साल इसी समय तक पराली जलाने के 200 से अधिक मामले दर्ज हुए थे, जबकि इस बार केवल 58 घटनाएँ हुई हैं।
यह गिरावट प्रशासन की सख्ती, निगरानी और किसानों के सहयोग का परिणाम है।
हालांकि कुछ जिलों जैसे फतेहाबाद, कैथल, जींद और करनाल में हाल के दिनों में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
🌿 सरकार की अपील और आगे की रणनीति
सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे पराली न जलाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।
अधिकारियों ने कहा कि पराली जलाना न केवल प्रदूषण बढ़ाता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी नुकसान पहुंचाता है।
सरकार ने चेतावनी दी है कि नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
💬 निष्कर्ष:
हरियाणा में इस साल पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी राज्य के लिए सकारात्मक संकेत है।
अगर आने वाले हफ्तों में भी यह रुझान कायम रहा, तो यह प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।
#HaryanaNews #ParaliJalaneKiGhatnayein #HaryanaPollution #FarmersAwareness #EnvironmentNews #HaryanaAgriculture #AirPollution #HaryanaUpdates #KhetonMeinAag #ParaliNews
![]()












