सफीदों, (एस• के• मित्तल) : सफीदों के वार्ड 12 निवासी पवन रोहिला ने एक शिकायत सतर्कता एवं भ्रष्टाचार ब्यूरो के एडीजीपी आलोक मित्तल को भेजी है जिसमें उन्होंने सफीदों नगर में बंदर पकड़ने की कार्रवाई में लाखों रुपए की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। इस आशय की शिकायत में पवन रोहिल्ला का कहना है कि वर्ष 2024 में सफीदों नगर पालिका में 1700 रुपए प्रति बंदर के हिसाब से नगर में बंदर पकड़ने का ठेका गुरुग्राम की एक फर्म को दिया था जिस द्वारा 24 अक्टूबर 2024 को 642 बंदर तथा 6 नवंबर 2024 को 590 बंदर, कुल 1232 बंदर पकड़े जाने के बिलों का भुगतान नगर पालिका द्वारा कर दिया गया। उन्होंने बताया कि 1700 रुपए प्रति बंदर का रेट जींद नगर परिषद द्वारा स्वीकृत रेट था। इसी रेट पर सफीदों नगर पालिका ने बंदर पकड़ने का काम उक्त फर्म को दे दिया। रोहिल्ला का आरोप है कि सफीदों मे इतने बंदर थे ही नहीं। उनका कहना है कि बंदर पकड़वाने की कार्रवाई में ना तो किसी प्रस्ताव में यह वर्णित किया गया है कि नगर में करीब इतने बंदर हैं और बंदर पकड़ने के भुगतान की कार्रवाई में कहीं यह नहीं दिखाया गया है कि कितने बंदर किस जगह से पकड़े गए हैं। उनका कहना है कि इसमें लाखों रुपए की हेराफेरी है जिसमें बंदरों को रेस्क्यू करके वन्य प्राणी विभाग के अमले से बंदरों की ज्यादा संख्या का प्रमाण पत्र ले लिया जाता है और इस तरह से बंदर पकड़ने के बजट की बंदरबांट हो जाती है।