राहुल-खड़गे ने कहा- भाजपा राज में अन्याय चरम पर, हरियाणा ब्यूरोक्रेसी दोफाड़
चंडीगढ़/नई दिल्ली : हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। इसकी गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है, जहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मनुवादी सोच के कारण वंचित वर्गों के खिलाफ अन्याय चरम पर पहुंच गया है। इस बीच, हरियाणा की नौकरशाही दो धड़ों में बंट गई है, जबकि एचसीएस एसोसिएशन ने परिवार के समर्थन में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को ज्ञापन सौंपा। एसोसिएशन ने सुसाइड नोट के आधार पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर और उनकी हटाने की मांग की।
आईपीएस पूरन कुमार, जो 2001 बैच के अधिकारी थे, ने मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित सरकारी आवास के बेसमेंट में अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी। उनकी 17 वर्षीय बेटी ने उन्हें खून में लथपथ पाया। घटनास्थल से बरामद आठ पेज के सुसाइड नोट में उन्होंने 10-15 वरिष्ठ अधिकारियों (आईएएस-आईपीएस) पर जातीय भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, पदोन्नति में अनियमितता और अपमानजनक तबादलों का आरोप लगाया। नोट में हरियाणा डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया समेत कई नाम शामिल हैं। पूरन कुमार ने पहले भी मुख्य सचिव तक शिकायतें की थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उनकी आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार, जो विदेश सहयोग विभाग की कमिश्नर व सेक्रेटरी हैं, जापान में मुख्यमंत्री सैनी के प्रतिनिधिमंडल के साथ थीं। बुधवार को लौटने पर उन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें डीजीपी कपूर व एसपी बिजरनिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने व एससी-एसटी एक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाया। अमनीत ने कहा कि यह सामान्य सुसाइड नहीं, बल्कि अनुसूचित जाति के ईमानदार अधिकारी के खिलाफ सिस्टमेटिक उत्पीड़न का नतीजा है। उन्होंने मांग की कि आरोपी अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और परिवार को आजीवन सुरक्षा दी जाए।
इस मामले ने नौकरशाही में फूट डाल दी है। आईपीएस-आईएएस अधिकारियों के साथ एचसीएस व एचपीएस अधिकारी भी दो गुटों में बंट गए हैं। चंडीगढ़ में एक गुप्त बैठक हुई, जिसमें प्रिंसिपल सेक्रेटरी लेवल के एक आईएएस अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक की सूचना पर सरकार हाई अलर्ट पर आ गई। डैमेज कंट्रोल के लिए मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी अमनीत से मिलने चंडीगढ़ पहुंचे। उन्होंने शव के पोस्टमॉर्टम की सलाह दी, लेकिन अमनीत ने सख्ती से कहा कि सुसाइड नोट के आधार पर पहले एफआईआर दर्ज हो, फिर फैसला लेंगी। रस्तोगी कोई आश्वासन न दे पाए।
गुरुवार को हरियाणा सिविल सर्विसेज (ईबी) ऑफिसर्स एसोसिएशन ने पूरन कुमार के परिवार का साथ देते हुए मुख्यमंत्री आवास पर पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजा। एसोसिएशन के अध्यक्ष एचसीएस शंभू ने बताया कि ज्ञापन में सुसाइड नोट के आधार पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर, उनके पावरफुल पदों से हटाने और निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि इससे बिना दबाव के जांच संभव होगी। सीएम सैनी ने प्रतिनिधिमंडल को न्याय का भरोसा दिलाया। उधर, अमनीत ने भी सीएम को अलग से ज्ञापन सौंपा, जिसमें एफआईआर व आरोपी अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग दोहराई।
राहुल का एक्स पोस्ट: राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार जी की आत्महत्या उस गहराते सामाजिक जहर का प्रतीक है, जो जाति के नाम पर इंसानियत को कुचल रहा है। जब एक आईपीएस अधिकारी को उसकी जाति के कारण अपमान और अत्याचार सहने पड़ें, तो सोचिए, आम दलित नागरिक किन हालात में जी रहा होगा। रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की हत्या, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का अपमान और अब पूरन जी की मृत्यु- ये घटनाएं बताती हैं कि वंचित वर्ग के खिलाफ अन्याय अपनी चरम सीमा पर है। भाजपा-आरएसएस की नफरत और मनुवादी सोच ने समाज को विष से भर दिया है। दलित, आदिवासी, पिछड़े और मुस्लिम आज न्याय की उम्मीद खोते जा रहे हैं। ये संघर्ष केवल पूरन जी का नहीं, हर उस भारतीय का है जो संविधान, समानता और न्याय में विश्वास रखता है।”
खड़गे का तंज: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर लिखा, “भाजपा का मनुवादी तंत्र इस देश के एससी, एसटी, ओबीसी और कमजोर वर्गों के लिए एक अभिशाप बन चुका है। वाई. पूरन कुमार की मजबूरन आत्महत्या सामाजिक अन्याय, अमानवीयता और संवेदनहीनता का भयावह प्रमाण है। पिछले 11 वर्षों में भाजपा ने मनुवादी मानसिकता इतनी गहरी कर दी है कि एडीजीपी रैंक के दलित अधिकारी को भी न्याय नहीं मिलता। जब सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई पर हमला हो सकता है और भाजपा का इकोसिस्टम जातिवाद का हवाला देकर बचाव करे, तो ‘सबका साथ’ का नारा एक भद्दा मजाक था।”
भीम आर्मी का बयान: भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने एक्स पर कहा कि पूरन कुमार ने हमेशा पारदर्शिता, वरिष्ठता और एससी प्रतिनिधित्व के मुद्दों पर आवाज उठाई। उन्होंने सीएम से सीबीआई जांच, दोषियों को सख्त सजा और परिवार को संवेदनाओं की मांग की।
पुलिस जांच जारी है। रोहतक में एक भ्रष्टाचार केस (एफआईआर नंबर 0319/2025) में पूरन कुमार का नाम आने से वे परेशान थे, जहां उनके गनमैन पर शराब ठेकेदार से रिश्वत लेने का आरोप है। हाल ही में 29 सितंबर को उन्हें रोहतक रेंज से सुनरिया जेल ट्रेनिंग कॉलेज ट्रांसफर किया गया था, जिसे ‘पनिशमेंट पोस्टिंग’ माना जा रहा है।