पराली जलाना न केवल पर्यावरण को बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी करता है प्रभावित : एसडीएम होशियार सिंह

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किसानों से किया वैकल्पिक एवं पर्यावरण

अनुकूल उपाय अपनाने का आह्वान

जुलाना : फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर एसडीएम होशियार सिंह की अध्यक्षता में बीडीपीओ कार्यालय के सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपमंडल के विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उपमंडल क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए पूर्ण समर्पण भाव से कार्य करने तथा प्रत्येक सक्रिय अग्नि स्थल पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने की शपथ ली।

एसडीएम होशियार सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गांव-गांव जाकर किसानों को पराली प्रबंधन के वैकल्पिक एवं पर्यावरण-अनुकूल उपायों के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के लिए पराली प्रबंधन हेतु विभिन्न मशीनें और योजनाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिनका अधिकतम लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए विभागीय समन्वय आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि पराली जलाना न केवल वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है, बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरता भी घटती है, जिससे फसल उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। एसडीएम ने किसानों से अपील की कि वे पराली जलाने से बचें और जैविक या यांत्रिक पराली प्रबंधन के उपाय अपनाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें।

एसडीएम ने संबंधित कर्मियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर किसानों को पराली जलाने से होने वाले स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संबंधी दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करें। बैठक में नायब तहसीलदार सिराज, बीडीपीओ प्रतीक सिंह, सहायक गन्ना विकास अधिकारी जींद, खंड कृषि अधिकारी जुलाना, गुण नियंत्रण निरीक्षक जींद, पटवारी, ग्राम सचिव तथा अन्य विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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