दिल्ली बनी गैस चेंबर — दिवाली पर प्रदूषण ने तोड़ा चार साल का रिकॉर्ड, हवा में जहर घुला

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राजधानी में सांस लेना हुआ मुश्किल

नई दिल्ली: दिवाली के बाद राजधानी दिल्ली फिर एक बार स्मॉग की मोटी चादर में लिपट गई है। त्योहार की रात हुई आतिशबाजी ने वायु गुणवत्ता को खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, PM2.5 का स्तर 675 µg/m³ दर्ज किया गया, जो सामान्य सीमा से 11 गुना अधिक है।

पिछले चार सालों में यह सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई है। AQI कई इलाकों में 600 के पार पहुंचा, जबकि आनंद विहार, जहाँगीरपुरी, वजीरपुर और रोहिणी जैसे क्षेत्रों में हवा ‘सीवियर’ श्रेणी में रही। कई जगहों पर सुबह से ही दृश्यता 300 मीटर तक सीमित रही, जिससे यातायात पर भी असर पड़ा।

पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, दिवाली की रात पटाखों की बेतहाशा आतिशबाजी, पराली जलाने की घटनाएं और ठंडी हवाओं की अनुपस्थिति प्रदूषण के प्रमुख कारण रहे। राजधानी के साथ-साथ नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी हवा जहरीली हो गई है।

IMD (मौसम विभाग) ने कहा है कि अगले 24 से 36 घंटों में दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश या तेज़ हवाएं चलने की संभावना है, जो प्रदूषण को कुछ हद तक कम कर सकती हैं। हालांकि, तब तक नागरिकों को मास्क पहनने, अनावश्यक बाहर न निकलने और एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।

डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि इस स्तर का प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है। लगातार एक्सपोजर से सांस की तकलीफ, सिरदर्द और आंखों में जलन जैसी दिक्कतें बढ़ सकती हैं।

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