किसानों की जेब पर फिर पड़ा महंगाई का बोझ
हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के किसान इस बार बाजरे की कम कीमतों से परेशान हैं। केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,250 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन स्थानीय मंडियों में उन्हें 1,800 रुपए तक का ही भाव मिल रहा है।
किसानों का कहना है कि वे पहले से ही सूखे और बढ़ती लागत से जूझ रहे हैं। ऊपर से अब मंडियों में खरीद न होने और भाव गिरने से नुकसान और बढ़ गया है।
किसान रामनिवास ने बताया — “हमारे बाजरे का रेट इतना गिर गया कि लागत भी नहीं निकल रही। सरकार ने MSP तो तय किया है, पर खरीद नहीं हो रही। व्यापारी मनमानी कर रहे हैं।”
मंडियों में खरीदारों की संख्या भी कम बताई जा रही है। व्यापारी कहते हैं कि “बाजरे की क्वालिटी और डिमांड दोनों घट गई हैं,” जबकि किसान इसे सरकारी खरीद में ढिलाई और विलंब का नतीजा मान रहे हैं।
राज्य सरकार की भावांतर योजना के तहत किसानों को अंतर की भरपाई का वादा किया गया था, लेकिन किसानों का कहना है कि “पहले के बकाया तक नहीं मिले, अब नया नुकसान कैसे पूरा होगा?”
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जल्द MSP पर खरीद शुरू नहीं हुई, तो किसान अगली बार बाजरे की खेती से पीछे हट सकते हैं।
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