विहिप के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल को किया नमन

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विहिप के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा
विहिप के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा
सफीदों, (एस• के• मित्तल) : विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल की जयंती पर उन्हे नमन करते हुए विहिप के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा ने कहा कि अशोक सिंघल ने इंजीनियर बनकर की समाजसेवा का मार्ग चुना। उन्होंने उत्तर प्रदेश और आस-पास की जगहों पर आरएसएस के लिये लंबे समय के लिये काम किया और फिर दिल्ली-हरियाणा में प्रांत प्रचारक बने। 1975 से 1977 तक देश में आपातकाल और संघ पर प्रतिबन्ध रहा। इस दौरान अशोक सिंघल इंदिरा गांधी की तानाशाही के विरुद्ध हुए संघर्ष में लोगों को जुटाते रहे। 1981 में डा. कर्ण सिंह के नेतृत्व में दिल्ली में एक विराट हिन्दू सम्मेलन हुआ; पर उसके पीछे शक्ति अशोक सिंघल और संघ की थी। उसके बाद अशोक सिंघल को विश्व हिन्दू परिषद् के काम में लगा दिया गया। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन को देश के गांव-गांव तक पहुंचाया। इसने देश की सामाजिक और राजनीतिक दिशा बदल दी। 1984 में दिल्ली के विज्ञान भवन में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया। यहीं पर राम जन्मभूमि आंदोलन की रणनीति तय की गई। यहीं से सिंघल ने पूरी योजना के साथ कारसेवकों को अपने साथ जोड़ना शुरू किया। उन्होने देश भर से 50 हजार कारसेवक जुटाये। 1992 में विवादित ढाँचा तोड़ने वाले कारसेवकों का नेतृत्व सिंघल ने ही किया था। 17 नवम्बर, 2015 को अस्वस्थ होने के कारण 89 वर्ष की आयु में अपना शरीर त्याग दिया। श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तम्भ सनातन एवं हिंदुत्व के संरक्षण में अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया।

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