पुलिस ने बरामद किए 14 हजार रुपये
स्थानीय साइबर क्राइम सेल और आर्थिक खुफिया टीम की संयुक्त छापेमारी में ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश हुआ है और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अधिकारियों के अनुसार यह गिरोह सोशल मीडिया, फेक वेबसाइट्स और व्हाट्सऐप ग्रुप्स के जरिए निवेशकों को आकर्षक रिटर्न का लालच देकर फंसा रहा था।
जांच अधिकारी बता रहे हैं कि गिरोह पहले लोगों का भरोसा जीतता और फिर उन्हें उन्नत-सी लगने वाली ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म पर अकाउंट खुलवाकर फंड ट्रांसफर करवाता था। शुरुआती दावों के साथ ही खातों में फर्जी लाभ दिखाकर पीड़ितों को और पैसा डालने के लिए प्रवृत्त किया जाता था; जब पीड़ित निकासी की मांग करते थे तो बहाने बनाकर नॉन-रिस्पॉन्स या अकाउंट लॉक कर दिए जाते थे।
मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी उस समय हुई जब साइबर टीम को टेक्निकल इनपुट और कई पीड़ितों की शिकायतों से मजबूत सुराग मिले। पकड़े गए व्यक्ति के ठिकानों पर तलाशी में कई मोबाइल, लैपटॉप, बैंक स्टेटमेंट, वॉलेट-ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड और कुछ नकद जब्त किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि डिजिटल सबूतों से गिरोह की कार्यप्रणाली और फंड की रूटिंग का भी सुराग मिल रहा है।
पुलिस ने कई पीड़ितों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिए हैं और जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना बताई जा रही है। फॉरेंसिक टीम ट्रांजैक्शन-ट्रेस कर यह पता लगा रही है कि अवैध धन कहां-कहां भेजा गया तथा किसने किस तरह का रोल निभाया। जांच का दायरा राष्ट्रीय और अंतर-राज्यीय नेटवर्क तक फैल सकता है, इसीलिए अन्य जिलों और बैंकिंग चैनलों को भी नोटिस भेजा जा रहा है।
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