राज्यभर में सुरक्षा-निरीक्षण तीव्र
हरियाणा प्रदेश में स्कूलों के बच्चों को ले जाने वाली स्कूली बसों (school buses) की सुरक्षा जांच के बाद राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पुलिस ने हाल ही में लगभग 25,000 स्कूल बसों की चेकिंग की — जिसके दौरान पाया गया कि 5,200 बसें तय सुरक्षा मानकों पर खरी नहीं उतरी थीं। इनमें फिटनेस सर्टिफिकेट, फायर एक्सटिंग्विशर, फर्स्ट-एड बॉक्स, जीपीएस, आपातकालीन निकास के साधन, प्रशिक्षित ड्राइवर या अन्य आवश्यक दस्तावेज़ एवं उपकरणों का अभाव था।
इस आधार पर हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ने सभी जिला पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिए कि इन अवैध या असुरक्षित बसों को तुरंत “इंपाउंड” कर लिया जाए — यानी बसों को सड़कों से हटाया जाए। अगर बस संचालक या स्कूल प्रबंधन इन आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं, तो इन पर चालान सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ओ.पी. सिंह ने बताया कि “बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है, किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल-बसों को इस तरह की सुरक्षा जाँच के बाद ही अनुमति दी जाएगी, क्योंकि अगर वाहन ही खतरे में है तो बच्चों की जान जोखिम में है।
यह कार्रवाई उस पृष्ठभूमि में हुई है जब कुछ साल पहले राज्य में एक दर्दनाक स्कूल-बस हादसा हुआ था, जिसमें कई छात्रों की जान गई थी — जिसके बाद सरकार ने पूरे राज्य में स्कूल-बसों का ऑडिट और कड़ी जाँच अभियान शुरू किया था।
अब शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग और स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी स्कूल-बस नियमों के बिना बच्चों को न ले जाए। अगर कोई स्कूल या बस मालिक नियम तोड़ता पाया गया, तो बस जब्त कराने और लाइसेंस रद्द करने जैसी सख्त प्रक्रियाएं लागू होंगी।
इस कदम को अभिभावकों और नागरिकों ने स्वागत के साथ देखा है, क्योंकि इससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और स्कूल-बसों की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में बड़ा संदेश जाएगा।
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