आज Ahoi Ashtami 2025 है, जो खासकर संतान की लंबी उम्र और कल्याण के लिए मनाया जाता है। इस दिन माताएं अहोई माता की पूजा और व्रत करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को सही विधि से करने पर माँ अहोई की कृपा से संतान पर सुख-समृद्धि आती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
विशेष रूप से, पूजा का समय संध्या से पूर्व या संध्याकाल में सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर, अहोई माता का चित्र या लकड़ी की आकृति तैयार कर उसे दूध, जल, फल और हल्दी के साथ सजाकर पूजन करती हैं। पूजा के दौरान 16 गिन्नियों (मूंग की) का प्रयोग कर उन्हें एकत्र किया जाता है और व्रत समाप्ति पर गरीबों या जरूरतमंदों को दान किया जाता है।
अहोई माता की कथा के अनुसार, यह व्रत संतान की रक्षा और माता-पिता की लंबी उम्र के लिए अत्यंत फलदायी है। धार्मिक विशेषज्ञों का कहना है कि जो महिलाएं इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत करेंगी, उन्हें संपूर्ण फल अवश्य मिलेगा।
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