लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव 8 अक्टूबर को पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से कद्दावर मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले आजम खान से मुलाकात करने जा रहे हैं। खास बात यह है कि यह मुलाकात बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की लखनऊ रैली से ठीक एक दिन पहले हो रही है। ऐसे में इस दौरे को सपा की सोची-समझी राजनीतिक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
प्राइवेट जेट से जाएंगे अखिलेश यादव
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव 8 अक्टूबर की सुबह 10 बजे लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट से एक प्राइवेट जेट के जरिए बरेली एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां से सड़क मार्ग से वह सीधे रामपुर में आजम खान के घर जाएंगे। मुलाकात का समय लगभग एक घंटे का तय है। इसके बाद अखिलेश उसी दिन लखनऊ लौट आएंगे।
क्या है इस मुलाकात का मकसद?
पिछले कुछ महीनों से अखिलेश और आजम खान के रिश्तों को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही थीं। आजम खान के जेल से बाहर आने के बाद भी अखिलेश ने उनसे मुलाकात नहीं की थी, जिस पर सवाल उठे थे। अब इस मुलाकात को रिश्तों में आई दूरियों को कम करने और सपा में एकता का संदेश देने के तौर पर देखा जा रहा है।
मुस्लिम वोट बैंक पर नज़र
आजम खान को उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुस्लिम समाज का बड़ा नेता माना जाता है। ऐसे में अखिलेश का यह कदम मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है। विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले सपा यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी में सबकुछ ठीक है और मुस्लिम समाज के हितों को लेकर पार्टी गंभीर है।
बसपा रैली से पहले रणनीतिक कदम
अखिलेश का यह दौरा बसपा की 9 अक्टूबर को लखनऊ में होने वाली रैली से ठीक एक दिन पहले हो रहा है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह पूरी तरह से रणनीतिक कदम है, ताकि मुस्लिम वोटों को लेकर किसी तरह का भ्रम न बने और सपा अपनी पकड़ बनाए रखे।
सियासी मायने
रामपुर दौरा केवल अखिलेश-आजम खान की औपचारिक मुलाकात नहीं है, बल्कि यह सपा के अंदरूनी समीकरण और बाहरी संदेश दोनों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। यह मुलाकात पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को यह संदेश देने का प्रयास है कि सपा आगामी चुनावों में पूरी मजबूती से मैदान में उतरने जा रही है।