पटना : जदयू संसदीय बोर्ड के अधयक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने मंगलवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खिलाफ बड़ी साजिश चल रही है। कुशवाहा ने प्रेस कांन्फ्रेंस कर पार्टी नेतृत्व पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने सवाल किया कि महागठबंधन की सरकार बनाए जाने से पहले राजद से क्या डील हुई थी? यह सार्वजनिक रूप से नीतीश कुमार को बताना चाहिए। कुशवाहा ने कहा कि इन दिनों नीतीश कुमार को कमजोर किया जा रहा है। वह पहले जब कमजोर हुए थे तो हम हमेशा उनके साथ खड़े रहे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को मजबूत करने की जरुरत है। जब हाल में उनके नेता नीतीश कुमार के ऊपर राजद की ओर से गलतबयानी की जा रही थी तब मेरे अलावा कोई भी नेता विरोध में क्यों नहीं उतरा? इस दौरान उन्होंने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की मांग करते हुए कहा कि इस बात का खुलासा होना चाहिए कि गठबंधन करते हुए जदयू और राजद के बीच कौन सी डील हुई थी? जिन लोगों ने डील किया वे बताएं क्या डील हुआ है? क्या नीतीश कुमार को हटाना चाहते हैं? इसकी जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अतिपिछड़ा समाज, दलित महादलित समाज को कमजोड़ किया जा रहा है। कुशवाहा ने कहा कि मुझे जब बुलाएं, मैं बात करने को तैयार हूं। कुशवाहा ने कहा कि यह किसी व्यक्ति विशेष का मामला नहीं है बल्कि कर्पूरी ठाकुर के अरमानों को बचाने का मामला है। उन्होंने कहा कि आजकल कुछ लोग उपेन्द्र कुशवाहा को गाली दे रहें हैं। लेकिन हमको उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। नीतीश और हमारा दर्द एक है, दूसरे लोगों में कोई साथ खड़ा नहीं। पर हमने अकले उनको टारगेट करने वालों पर हमला बोला है। जदयू-राजद के विलय का भी उन्होंने विरोध किया, जिसके बाद उस पर विराम लगा। राजद के लोग आजकल डील की बात कर रहे हैं। इसलिए हम सब भी इस डील को जानना चाहते है। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जयंती में मुझे निमंत्रण नहीं मिला। ऐसे में मैंने खुद आज कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। अपने पूरे प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान कुशवाहा खुद को नीतीश कुमार का सबसे बड़ा शुभचिंतक बताते रहे। कुशवाहा ने खुले तौर पर तो किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनका सीधा इशारा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की तरफ था।