महेश कुमार सिन्हा
पटना : बिहार में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद बयानबाजी का सिलसिला लगातार जारी है। अब भाजपा और महागठबंधन के नेता एक-दूसरे को ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दे रहे हैं। दरअसल एक स्टिंग आपरेशन में शराब पीने की बात खुल कर सामने आने के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बयान दिया कि भाजपा के सभी नेता शराब पीते हैं। इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने कहा है कि नीतीश कुमार यदि हमारा ब्लड टेस्ट करवाना चाहते हैं तो वो बिलकुल करवाएं, मैं इसके लिए तैयार हूं। वो शासन में हैं और इसके तहत पहल उनको करना चाहिए, नहीं तो फिर उनको अपनी गद्दी भाजपा को दे देनी चाहिए। हमलोग इसे शुरू करवा देंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है और हमारे पार्टी के नेता को जहां बुलाएंगे हम जाकर अपना ब्लड टेस्ट करवाएंगे। लेकिन, वह पहले यह मान लें कि वो विधानसभा में इसे शुरू करेंगे। वो सचमुच में बिहार के अंदर सुधार चाहते हैं तो सभी माननीय, पुलिस अधिकारी, आईएएस और आईपीएस की जांच करवाएं। इससे यह पता लग जाएगा कि कौन शराब पीता है और कौन नहीं पीता है? अगर नीतीश कुमार ऐसा करते हैं तो शराबबंदी की सारी हकीकत सामने आ जाएगी। डा. जायसवाल ने कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरीके से विफल है। सरकार की कमान नीतीश कुमार के हाथ में है इसकी जिम्मेवारी भी उनको लेनी होगी। उन्होंने जदयू के तरफ से यह कहने पर कि भाजपा साफ-साफ शराबबंदी हटाने की मांग करें। उन्होंने कहा कि मैं शराबबंदी के पक्ष में हूं, लेकिन शराबबंदी के समय यह नहीं कहा गया था कि हर टोले-मोहल्ले में शराब मिलेगी। अभी बिहार के सभी टोले मोहल्ले में शराब मिल रही है। शराब का मिलना प्रशासन और शासन की खामियों का नतीजा है। शराब पीने वालों वाले से ज्यादा दोषी बिहार का प्रशासन और शासन है।
लेखक : न्यूजवाणी के बिहार के प्रधान संपादक हैं और यूएनआई के ब्यूरो चीफ रह चुके हैं