पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी समाधान यात्रा के दौरान वैशाली में प्रजनन दर रोकने के संबंध मे दिये गये एक बयान को लेकर विवादों में घिर गये हैं। विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने रविवार को एक वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रजनन दर को रोकने को लेकर कह रहे हैं कि मर्दों को इससे कोई मतलब नहीं रहता है। महिलाएं ही इसको लेकर खुद को बचा सकती हैं। उक्त वीडियो वैशाली जिले का बताया जा रहा है। जहां मुख्यमंत्री के साथ तेजस्वी यादव भी नजर आ रहे हैं। सम्राट चौधरी ने वीडियो के साथ अपने कैप्शन में लिखा है कि “मुख्यमंत्री कुशासन कुमार ने जिन अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया वह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। ऐसे शब्दों का प्रयोग कर वह मुख्यमंत्री पद की गरिमा को कलंकित कर रहे हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन मे प्रजनन दर को रोकने को लेकर कहा कि महिलाएं पढ़ लेंगी, तभी यह घटेगा। मर्द लोग तो हर दिन करते रहता है। उन्हें इस बात से मतलब ही नहीं रहता कि बच्चा पैदा नहीं करना हैं। पढ़ी लिखी महिलाएं ही इस बात को अच्छे से समझती हैं कि उन्हें यह नहीं करना है। आश्चर्य की बात यह कि जब सीएम ने यह बात कही, तब वहां काफी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थी। जिस तरह से नीतीश कुमार ने प्रजनन दर रोकने को लेकर मर्दों के चरित्र को लेकर व्याख्या की है और महिलाओं को हर दिन बच्चा पैदा करनेवाला बताया है। विपक्ष ने इसे अमर्यादित करार दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार में प्रजनन दर को नियंत्रित करने को लेकर मर्दों के चरित्र की व्याख्या करते हुए उन्हें दिन भर काम में लिप्त रहने की बात कहे जाने के बाद भाजपा को बैठे-बिठाए उन्हें (नीतीश कुमार) घेरने का एक और मुद्दा मिल गया है। भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अमर्यादित भाषा बोलने और सेक्सिस्ट कमेंट करने का आरोप लगाते हुए माफी की मांग की है। निखिल ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हाल के दिनों में कई ऐसे बयान दे रहे हैं जो हम सभी को हास्यास्पद स्थिति में डाल देते हैं। उनके कई बयान तो लैंगिक तौर पर समाज में भेदभाव पैदा करने वाले और बड़े ही सेक्सिस्ट कमेंट होते हैं। जिस तरह से उन्होंने कहा कि महिलाओं में प्रजनन दर बढ़ रही है तो उन्हें शिक्षित होना चाहिए, यह उनकी बात सही है। लेकिन जो उन्होंने कहा कि पुरुष लोग करते ही रहता है, उसको पता ही नहीं होता है कि बच्चा पैदा करना है या नहीं करना है। ये एक सड़कछाप, अजीबोगरीब और अस्वीकार्य बयान है। यह बयान मुख्यमंत्री को वापस लेकर माफी मांग लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाषाई मर्यादा भी भूल गए क्या? बिहार के मुख्यमंत्री से पब्लिक डोमेन में और सार्वजनिक कार्यक्रम में ऐसे बयान की कतई अपेक्षा नहीं है। मुख्यमंत्री अपना लैंगिक भेदभाव और अपमान करने वाले सेक्सिस्ट बयान को अविलंब वापस लें।