पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को संभावित बाढ़ और सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी और एसएसपी तथा एसपी भी जुड़े रहे। बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक ने इस वर्ष मॉनसून सत्र के दौरान वर्षापात के पूर्वानुमान की जानकारी देते हुए बताया कि मॉनसून के दौरान देश में सामान्य से कम यानि की 96 प्रतिशत औसत वर्षा होने का पूर्वानुमान है। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि बाढ़ और सुखाड़ दोनों की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी विभाग के अधिकारी और जिलाधिकारी पूरी तरह अलर्ट रहें । आपदा प्रबंधन विभाग सतत् अनुश्रवण करते रहे कि और क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी नदियों को आपस में जोड़ने की कार्ययोजना बनाएं। नदियों के गाद की उड़ाही एवं शिल्ट हटाने को लेकर तेजी से कार्य करें इससे बाढ़ का खतरा भी कम रहेगा और नदियों की जल संग्रहण क्षमता भी बढ़ेगी, साथ ही सिंचाई कार्य में और सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि भू-जलस्तर पर नजर रखें और पेयजल का इंतजाम रखें। हर घर नल का जल योजना से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसे पूरी तरह मेंटेन रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल संरक्षण को लेकर कार्य किए जा रहे हैं, इसकी भी सतत् निगरानी करें और इसे बेहतर ढंग से क्रियान्वित करें। निजी मकानों में भी लोगों को छतवर्षा जल संचयन के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष गर्मी ज्यादा है। इसे ध्यान में रखते हुये सभी प्रकार की तैयारी रखें और लोगों को सचेत करें। आग लगने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं, उससे बचाव के लिए त्वरित कार्रवाई करें। लू से बचाव के लिए भी सभी व्यवस्था रखें और लोगों को अलर्ट करें। हर चीज पर नजर रखनी है और पूरी तरह से सतर्क रहना है। मुस्तैदी के साथ सभी लोग लगे रहेंगे तो आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिलेगी। सभी संबद्ध विभाग जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर वस्तु स्थिति की जानकारी लें और उसके आधार पर कार्य करे।मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की स्थिति का आकलन करें उसके अनुसार सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण रखें। जिलाधिकारी क्षेत्रों में जाएं और वस्तु स्थिति की जानकारी लें। वे प्रखंड स्तर पर लोगों से मीटिंग करें और उन्हें सतर्क करें। जिलाधिकारी क्षेत्र में लोगों से बात करें और पिछले वर्षों में की स्थिति में किए गए कार्यों को भी ध्यान में रखते हुए आपदा से निपटने हेतु कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हरसंभव मदद करती है, इसे ध्यान में रखते हुये सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहें । बैठक में मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका ‘बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए मानव संचालन प्रक्रिया-2023’ का विमोचन किया। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अपने-अपने जिलों में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ के पूर्व तैयारियों के संबंध में जानकारी दी साथ ही आश्वस्त किया कि अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर लोगों से मिलेंगे, जमीनी स्थिति का आकलन करेंगे और उसके अनुसार समस्याओं का समाधान करेंगे। बैठक के दौरान यह कहा गया कि बिहार में औसत 952 मिलीमीटर वर्षा होने का पूर्वानुमान है जो कि सामान्य से थोड़ा कम है। जून माह में बिहार में पहले होनेवाले वर्षा के अनुपात में इस बार 35 से 55 प्रतिशत ही वर्षा होने की संभावना है। जून के तीसरे सप्ताह में बिहार में मॉनसून के प्रवेश करने की संभावना है। बैठक में आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं की पूर्व तैयारियों से संबंधित मुख्य बातों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (एस०ओ०पी०) के अनुसार बाढ़ पूर्व सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। सभी जिलों एवं संबद्ध विभागों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने नाव संचालन, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स / फूड पैकेट्स, जिला आपातकालीन संचालन केंद्र आदि के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी। बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, खान एवं भूतत्व मंत्री डॉ० रामानंद यादव, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ललित कुमार यादव समेत कई लोग मौजूद रहे।