पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 5 जनवरी से शुरू हो रही बिहार यात्रा पर सियासत गर्मा गई है। नीतीश कुमार के यात्रा पर सवाल उठाते हुए भाजपा प्रवक्ता डॉ रामसागर सिंह ने गुरुवार को कहा कि यह यात्रा राज्य की जनता का ध्यान भटकाने और सरकारी खजाने की लूट के मकसद से की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब नीतीश कुमार बिहार की यात्रा कर रहे हैं। वे इसके पहले भी कई बार अलग अलग नाम से बिहार की यात्रा कर चुके हैं। ऐसे में नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि उनकी पिछली यात्राओं से बिहार की जनता को क्या मिला?डॉ रामसागर ने कहा कि नीतीश कुमार की यात्रा का उद्देश्य हमेशा से जनता का ध्यान भटकाना और यात्रा के माध्यम से सरकारी खजाने को लूटना रहा है। उनकी जल जीवन हरियाली यात्रा भी लूट का माध्यम साबित हुई। जनता को न शुद्ध जल मिला और न कहीं हरियाली दिखी। यात्रा में नीतीश के साथ जो यात्री होते हैं वे भ्रष्ट पदाधिकारी और नेता होते हैं। न की जनता होती हैं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि नीतीश की यात्राओं के बाद भी राज्य की जनता नीतीश को परिणाम शून्य देती है। हालिया सम्पन्न विधानसभा उपचुनाव में बिहार की जनता ने नीतीश को ‘शून्य थमा दिया। आगे भी शून्य ही थमाने की तैयारी में है। इसके उलट बिहार में भाजपा नेताओं की यात्रा जनकल्याण के उद्देश्य से निकलती है तो परिणाम भी सुखद होता है। वहीं, नीतीश कैबिनेट के हवाई जहाज और हेलिकॉप्टर खरीदने के निर्णय की व्यवहार्यता पर भी रामसागर सिंह ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता की गाढ़ी कमाई से खरीदे जा रहे हेलिकॉप्टर और हवाई जहाज नीतीश कुमार का ही इंतजार करेंगे। नीतीश भारत यात्रा पर जाना चाहते हैं, लेकिन बिहार की जनता ने आपको उपचुनाव में हराकर आपकी हिम्मत को भी हरा दिया है। बिहार के लोगों ने नीतीश को भारत यात्रा से बिहार यात्रा पर जाने को मजबूर कर दिया। डॉ रामसागर ने कहा कि नीतीश कुमार को शिवानन्द तिवारी का सलाह मानना चाहिए और आश्रम यात्रा पर जाकर बिहार की जनता को बख्श देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से अबतक नीतीश कुमार कुल 16 यात्राएं निकाल चुके हैं। 2005 में न्याय यात्रा, 2009 जनवरी में विकास यात्रा, जून 2009 में धन्यवाद यात्रा, सितंबर 2009 में प्रवास यात्रा, अप्रैल 2010 में विश्वास यात्रा, 9 नवंबर 2011 में यात्रा, सितंबर 2012 में अधिकार यात्रा, मार्च 2014 में संकल्प यात्रा, नवंबर 2014 मे संपर्क यात्रा, नवंबर 2016 में निश्चय यात्रा, दिसंबर 2017 में समीक्षा यात्रा, दिसंबर 2019 में जल-जीवन-हरियाली यात्रा, 2021 में समाज सुधार यात्रा शामिल है। अब एक बार फिर से वे यात्रा पर निकल रहे हैं, जिस कारण भाजपा ऐसी यात्राओं के औचित्य पर सवाल कर रही है।