महेश कुमार सिन्हा
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनता दरबार अब महज एक औपचारिक इवेंट बन कर रह गया है। फरियादियों की मानें तो सीएम के आदेश का भी पालन अधिकारी नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि जनता दरबार में अब अधिकारी भी फोन जल्दी नहीं उठा रहे हैं। सोमवार को एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला। भागलपुर जिले से आये एक बुजुर्ग जनता दरबार में अपनी फरियाद सुनाते -सुनाते रोने लगा। उसका कहना था कि मेरी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। मैं काफी परेशान हूं। मैं तीन बार एसपी के दरबार में भी गया, लेकिन किसी ने मेरी एक न सुनी। मेरी शिकायत भी नहीं सुनी जाती है। थाने में भी गया लेकिन वहां भी मुझे मदद नहीं मिली। यह सुनते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को फोन लगा दिया, लेकिन फोन उठाने में देरी हुई तो वे भड़क गए। उन्होंने आमिर सुबहानी की क्लास ले ली। उन्होंने कहा कि बड़ा देर से फोन उठा रहे हैं। यहीं सामने बगल में बैठे हैं और इतनी देर से फोन उठा रहे हैं। क्या बात है ? वहीं, एक फरियादी ने जनता दरबार में हुई कार्रवाई का पोल खोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कह दिया कि सातवीं बार आने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। जिसके बाद नीतीश कुमार आश्चर्यचकित रह गए। उसने मुख्यमंत्री से कहा कि 7 जुलाई को मेरे पिता ने आपसे शिकायत की थी। शिकायत के बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। जमीन संबंधी विवाद को लेकर शिकायत की थी, लेकिन वहां के एसडीओ ने उसे पेंडिंग में डाल दिया है। इसके बाद नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि जाकर राजस्व वाले को बताइए कि इनके पिता इसी शिकायत को लेकर आये थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने अधिकारियों को तुरंत इस मामले को देखने को कहा। वहीं, जनता दरबार में जदयू की महिला कार्यकर्ता ने अपनी फरियाद सुनाते हुए कहा कि उसके पति को फंसा दिया गया है। बदमाशों ने पहले मेरे पति के भतीजे की हत्या की, इसके बाद केस वापस लेने के लिए हमारे पति को केस में फंसा दिया। हमें न्याय दीजिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाकर कहा कि इसको देखिए। वहीं, जनता के दरबार में किशनगंज से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि सरकारी जमीन का निजीकरण किया जा रहा है। अंचल के कर्मचारी और सीओ ने मिलकर सरकारी जमीन की ऑनलाइन जमाबंदी कर दी। इनका पैसा लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था, इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद मुख्यालय ने राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाकर कहा कि आपका अधिकारी गड़बड़ कर रहा। इसको देखिए और तुरंत एक्शन लीजिए। नीतीश कुमार ने कहा कि सरकारी भूमि को जबरन कब्जा कर किसी को अलॉट कर रहा है। नीतीश कुमार ने अपने प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ को कहा कि आप भी जाकर देखिए। देखिए जाकर कि कार्रवाई कर रहा है कि नहीं। इस तरह जनता दरबार में आये फरियादियों ने राज्य में सरकारी व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी।
लेखक : न्यूजवाणी के बिहार के प्रधान संपादक हैं और यूएनआई के ब्यूरो चीफ रह चुके हैं