पटना : छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिए जाने की मांग के बीच सोमवार को मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट की है। सुनील कुमार ने कहा है कि उत्पाद अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक दोषियों की संपत्ति को बेचकर पीड़ितों को मुआवजा देने की बात है। गोपालगंज में उसी प्रावधान के तहत मुआवजा दिया गया था। लेकिन फिलहाल सरकार के पास ऐसी कोई योजना नहीं है। विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक 38 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और मुआवजा इसलिए नहीं दिया जा सकता, क्योंकि शराब पीना संज्ञेय अपराध में शामिल है। मंत्री ने कहा कि उत्पाद एक्ट में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि सरकार शराब पीकर मरने वालों को मुआवजा देगी। जब बिहार में शराबबंदी कानून लागू हो रहा था, तब भाजपा समेत सभी दलों ने इसका समर्थन किया था। उन्होंने सरकार की ओर से सफाई पेश करते हुए कहा कि छपरा में घटनाएं अधिक जरूर हुई हैं, लेकिन इस बात को भी देखने की जरूरत है कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अबतक 230 से अधिक कर्मियों को बर्खास्त किया जा चुका है। सुनील कुमार ने कहा कि जहरीली शराब कांड में जो लोग भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई तय है। सरकार वरीय अधिकारियों से मामले की जांच करा रही है और जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी जरूरी होगा, वह कदम उठाया जाएगा।