पटना : राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अपने उस बयान पर मचे बवाल के बाद माफी मांग ली है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में अब रहने लायक माहौल नहीं रहा। सिद्दीकी ने शुक्रवार को कहा कि मेरा उद्देश्य किसी को चोट पहुंचाना नहीं था। इस बात से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं सॉरी कहता हूं। उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि हमारा देश सबसे बेहतर है। मैंनें यहीं जन्म लिया और यहीं मैं पला और बढ़ा भी। अगर आगे भी जन्म लूं तो इसी देश में जन्म लूं। इसके साथ ही सिद्दीकी ने भाजपा नेताओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आज देश की हालात खराब हो रही है क्योंकि रोजगार और सद्भावना में कमी आई है। ऐसे में सबको मिलकर सोचना चाहिए कि कैसे ठीक होगा? मैंने बहस छेड़ी है और इस मायने में मैं कामयाब हूं कि इस पर चर्चा हो रही है। लेकिन मेरा उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना कत्तई नहीं था। भाजपा की ओर से पाकिस्तान जाने की सलाह पर पलटवार करते हुए सिद्दीकी ने कहा कि आज कल सबसे सस्ती गाली हो गई है कि पाकिस्तान चले जाओ। पाकिस्तान तुम्हारे बाप-दादा का होगा, हमारा नहीं है। उन्होंने साफ कह दिया कि हमारे बाप-दादा भारत में हैं, भारत में रहे हैं और हम भी यहीं रहेंगे। सिद्दीकी ने कहा कि उन्हें एक एजेंडे के तहत घेरा जा रहा है। मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा जो राष्ट्रविरोधी हो। हमें भाजपा या उस तरह के किसी दल से भारतीयता का प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इसी मिट्टी में जन्मे और पले-बढ़े हैं। किसी से अधिक भारतीय हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को ऐसी सलाह देने में कोई बुराई नहीं है। ऐसा कोई सर्वेक्षण हो तो पता चले कि तथाकथित देश भक्तों के कितने बाल-बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं। नौकरी कर रहे हैं और नागरिक भी हैं। सिद्दीकी ने कहा कि सभापति के सम्मान समारोह में न्यायपालिका से जुड़े लोग भी थे। वे सहज भाव से अपनी बात कह रहे थे। किसी ने विरोध नहीं किया। राजद नेता ने बताया कि मेरी सलाह को मेरे बेटे ने मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी सलाह का बेटे ने भी विरोध किया। बेटा का कहना था कि हम बालिग हैं। कहां रहेंगे, कहां नौकरी करेंगे, इसके बारे में सलाह देने का अधिकार आपको नहीं है। सिद्दीकी के पुत्र हार्वर्ड में पढ़ रहे हैं। वहीं, बेटी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ रही हैं। गौरतलब है कि राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कुछ दिन पहले भारत में माहौल खराब होने का हवाला देकर विदेश में पढ़ रहे अपने बेटे और बेटी को भारत वापस नहीं लौटने और विदेश की ही नागरिकता लेने की सलाह दी थी। उनके द्वारा अपने बेटे-बेटी को विदेश में नौकरी करने और मिलने पर उस देश की नागरिकता लेने सलाह देने पर भाजपा ने सिद्दीकी पर सवाल उठाए थे। सिद्दीकी के इस बयान पर सियासत गरमा गयी थी कि देश में अब रहने लायक माहौल नहीं रहा। बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेता जहां सिद्दकी के बयान के जरिए केन्द्र की मोदी सरकार पर निशाना साध रहें हैं,वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता सिद्दीकी को देश विरोधी बताते हुए उन्हे पाकिस्तान जाने की सलाह दे रहे हैं। इसके साथ ही वे राजद पर धर्म की राजनीति करने के आरोप लगाने लगे हैं। बिहार प्रदेश भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि भड़काऊ बयान देकर सिद्दीकी किसे खुश करना चाहते हैं? बेहतर होगा कि वह पाकिस्तान चले जाएं। उन्होंने कहा कि राजद नेता सिद्दीकी का बयान निंदनीय है। ये लोग मदरसा संस्कृति से अभी भी बाहर नहीं निकल पाए हैं। ऐसे ही लोग सेक्युलरिज्म और लिबरलिज्म के मुखौटे में राष्ट्रविरोधी तथा धार्मिक एजेंडा चलाते हैं। निखिल ने कहा कि सिद्दीकी का बयान आरजेडी की विचारधारा को भी परिलक्षित करता है। उन्होंने कहा कि सिद्दीकी भारत में रह रहे हैं और भारत की थाली में खा रहे हैं लेकिन कट्टरपंथियों के इशारों पर गा रहे हैं और विक्टिम कार्ड खेलकर देशविरोधी ज्ञान दे रहे हैं। वहीं भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे लोग समाज में द्वेष फैलाने का काम करते हैं। एक तरफ तो वह अपने बच्चों को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विदेशों में भेजते हैं। वहीं देश के दबे कुचले लोगों को गुमराह करने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि देश की 132 करोड़ देशवासी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षित और सुखमय जीवन जी रहे हैं। जबकि राजद समेत महागठबंधन के लोग देश को अस्थिर करने में लगे हैं। उधर नीतीश सकार में उर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना भी लोगों को मुश्किल हो रहा है। एक विशेष धर्म से जुड़े लोगों को टारगेट किया जा रहा है। इसलिए सिद्दीकी ने सरकार की नीति पर सवाल उठाए हैं, जबकि भाजपा इसे दूसरा रूप देने की कोशिश कर रही है।उल्लेखनीय है कि एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए गुरुवार को राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा था कि भारत में अब ऐसा दौर आ गया है कि हम अपने बच्चों को यह कहने के लिए मजबूर हैं कि वे विदेश में ही रह जाएं। वे अपने बच्चों को मातृभूमि छोड़ने के लिए कह रहे हैं। अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा था कि मेरा एक बेटा हार्वर्ड में पढ़ता है, बेटी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पास आउट है। हमने अपने बेटा-बेटी को कहा है कि वहीं नौकरी कर लो, अगर सिटीजनशिप भी मिलता है तो ले लो। अब इंडिया में वैसा माहौल नहीं रह गया कि तुम लोग झेल पाओगे या नहीं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि आप समझ सकते हैं कि कितनी तकलीफ से आदमी ये बात अपने बाल-बच्चों को कहेगा कि अपनी मातृभूमि को छोड़ दो।