पटना: छपरा में जहरीली शराब के कारण हुई मौतों को विपक्ष जहां इसे सरकार की विफलता मान मुआवजे की मांग कर रहा है, वहीं सरकार और सत्तारूढ़ दल के नेताओं का कहना है कि प्रतिबंधित शराब का सेवन करना ही एक गुनाह है। ऐसे में उन्हें मुआवजा क्यों दिया जाये? इसी कड़ी में रविवार को जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक उदाहरण देते हुये कहा कि कोई यदि बम बनाने का काम कर रहा है और विस्फोट हो जाए और उसमें बहुत से लोगों की मौत हो जाए तो उसके लिए सरकार तो जिम्मेदार नहीं हो सकती है न। कुशवाहा ने कहा कि विपक्ष का काम सिर्फ और सिर्फ विरोध के लिए विरोध करना है। आज जिस तरह से विपक्ष के लोग कर रहे हैं वो कहीं से भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि शराब में जहर है तो लोगों को उससे दूर रहने, उसका सेवन नहीं करने के लिए जागरूक करना चाहिए। विपक्ष के नेताओं को व्यक्तिगत कोई भी बात नहीं करनी चाहिए। मैं बिहार विधानसभा और परिषद् दोनों के नेता विपक्ष को साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि, कोई भी बात व्यक्तिगत रूप से नहीं कहें। कोई कानून तभी सदन से पास होता है, जब सदन में उसे बहुमत से पास कराया जाता है। कुशवाहा ने कहा कि, विपक्ष का सिर्फ और सिर्फ यह काम नहीं रह गया है कि सिर्फ विरोध के लिए वो विरोध करें। उनको समझना चाहिए की किस बात पर विरोध करना है और किस बात पार विरोध नहीं करना है। लेकिन आज जिस तरह से विपक्ष के लोग कर रहे हैं वह कहीं से भी उचित नहीं है। जब सरकार जिम्मेदार नहीं है तो मुआवजा किस बात की मांग रहे हैं?