पटना : बिहार में सत्ताधारी कहा गठबंधन के दो प्रमुख घटक राजद और जदयू में वार-पलटवार का दौर लगातार जारी है। महागठबंधन की सरकार बनने के बाद भी राजद के कुछ नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बयान देने से पीछे नहीं हट रहे हैं। राजद विधायक सधाकर सिंह कै मुख्यमंत्री विरोधी बयानों का मामला अभी ठंढाया भी नही है।इसी बीच रामचरितमानस पर शिक्षामंत्री प्रो.चन्द्रशेखर के विवादित बयान ने तूल पकड़ लिया। राजद के प्रदेश अध्यक्ष और प्रवक्ता के बाद जब इस विवाद पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का बचाव किया तो जदयू उग्र हो गया है। जदयू के नेता तेजस्वी यादव से सवाल पूछने लगे हैं कि आखिर वह शिक्षा मंत्री का बचाव क्यों कर रहे हैं? जदयू नेता साफ शब्दों में कह रहे हैं कि नीतीश कुमार के खिलाफ बोलने वाले राजद में कुछ नेता हैं तो उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, भाजपा भी महागठबंधन में मचे घमासान में यह कह रही है कि सब कुछ तेजस्वी यादव के इशारे पर हो रहा है। गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने रविवार की शाम शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का बचाव करते हुए कहा कि संविधान सबसे बड़ा ग्रंथ है और उसी में बोलने की आजादी दी गई है। यह भाजपा की साजिश है। भाजपा इस मसले को बढ़ा रही है, लेकिन जदयू के नेता इस जवाब से खुश नहीं है। इस बीच जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने सोमवार को कहा कि राजद के कुछ नेता भाजपा के एजेंडा पर काम कर रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि राजद के नेता हमारे नेता नीतीश कुमार के खिलाफ लगातार अशोभनीय टिप्पणी कर रहे हैं। यह कतई बर्दाश्त नहीं हो सकता है। अभिषेक झा ने कहा कि एक मंत्री ने तो धार्मिक भावना को लेकर ठेस पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि राजद के तरफ से लगातार कहा गया कि कोई भी फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव करेंगे। तेजस्वी यादव के संज्ञान में पूरा मामला है। हमें पूरी उम्मीद है कि तेजस्वी यादव बयान देने वाले नेताओं पर लगाम लगाएंगे और कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। इससे महागठबंधन जिन मुद्दों को लेकर चला है वह मुद्दे गौण नहीं होंगे। जबकि एक मंत्री ने तो धार्मिक भावना को लेकर ठेस पहुंचाया है और राजद के वरिष्ठ नेता उनके साथ हैं। महागठबंधन को असली मुद्दों से भटकाने की साजिश है और ऐसे लोग गठबंधन के जड़ में मट्ठा डालने की कोशिश कर रहे हैं।