पटना. बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. नीतीश कुमार के एनडीए (NDA) से अलग होने की चर्चा जोरों से चल रही हैं. सीएम नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) के सभी विधायकों और सांसदों की मंगलवार को बैठक भी बुलाई है. इस बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. ऐसे में बिहार की राजनीति के लिए अगले 24 घंटे काफी अहम माने जा रहे हैं.
सीएम नीतीश कुमार ने बीते दिन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बात की थी. अब इन दोनों के बीच क्या बात हुई, इसकी तस्वीर अगले कुछ दिनों में ही साफ हो सकती है. सीएम नीतीश के आवासीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से लालू यादव को इस बात पर मनाने का आग्रह किया है कि भाजपा से अलग होने की स्थिति में सीएम उन्हें ही बनाया जाए.
राजद सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार गृह और डिप्टी सीएम की कुर्सी सहित कई प्रमुख विभाग राजद को मिलने वाले हैं. हालांकि राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बातचीत में कहा कि मंगलवार को राजद विधायक, सांसद और एमएलसी की बैठक 2024 के लोकसभा और उसके अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर है न कि किसी सरकार के गठन को लेकर. जगदानंद ने कहा कि नीतीश कुमार को हमने आमंत्रित नहीं किया है. गठबंधन की कोई बात नहीं हुई है. हमने किसी को प्रस्ताव नहीं भेजा है.
इन सब के बीच सीएम नीतीश कुमार ने भी मंगलवार को अपनी पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है, जिसमें कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का कहना है कि पार्टी के विधायकों से फीडबैक लेने के लिए विधायक दल की बैठक बुलाई गयी है.
रविवार को जनता दल (यूनाइटेड) राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि कुछ लोग बिहार में एक बार फिर से 2020 के चिराग पासवान मॉडल इस्तेमाल करना चाहते थे, मगर नीतीश कुमार ने इस षड्यंत्र को पकड़ लिया है. इसी के साथ वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह के इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा था कि उनका तन भले ही जनता दल यूनाइटेड में था, मगर उनका मन कहीं और था.
नीतीश कुमार के सरकार बदलने की अटकलों के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बिहार के सीएम से फोन पर बात हो गई है. अटकलें चल रही हैं कि नीतीश कुमार कई वजहों से बीजेपी से नाराज हैं और एनडीए गठबंधन छोड़कर तेजस्वी यादव की आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ नई सरकार बना सकते हैं. शुरू से ही यह माना जा रहा था कि बीजेपी नेतृत्व अगर मनाएगा तो नीतीश मान जाएंगे. अब जब अमित शाह और नीतीश कुमार की फोन पर बात हो गई है तो काउंटर अटकल शुरू हो गया है कि बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन बना रहेगा.