पटना : बिहार में विपक्षी भाजपा के साथ-साथ महाठबंधन सरकार में शामिल दलों के नेता भी शराबबंदी कानून की समीक्षा की बात कर रहे हैं। महागठबंधन सरकार में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) भी इसको लेकर कई बार बयान दे चुका है। इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को एक बार फिर कहा कि बिहार में 50 से 60 फीसदी नेता खुद शराब पीते हैं। उन्होंने कहा कि वे काफी पहले से शराबबंदी को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। मांझी ने कहा कि हम बहुत पहले भी बोल चुके हैं कि 50 से 60 प्रतिशत ऐसे नेता और अधिकारी हैं, जो समय पर पीते हैं, इसमें स्त्री और पुरुष दोनों शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल साइंस भी कहता है कि यह फायदेमंद चीज है। मांझी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी तो नाम की ही है, लोग पहले से ज्यादा शराब पी रहे हैं। शराब नही मिलने की वजह से लोग जहरीली शराब पी रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर जीतन राम मांझी ने कहा कि सवाल है कि आप सुनने की स्थिति में रहेंगे तब तो हम सुना सकते हैं? 18 वर्षों से वह (नीतीश कुमार) मुख्यमंत्री हैं। वह अपनी सफलता के बारे में सोचते हैं कि हम इतना अच्छा काम कर रहे हैं, इसलिए इतने दिन से बने हुए हैं, तो दूसरों की हम क्यों सुनें? गौरतलब है कि सोमवार को भी मांझी ने शराब से हुई मौतों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बिना नीतीश का नाम लिए बिना कहा था कि, ‘मिला परदेश किस्मत में, वतन की याद क्या करना, जहां बेदर्द हाकिम हो, वहां फरियाद क्या करना?’ बता दें कि जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्टैंड को गलत बताया है। उन्होंने जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा दिए जाने की मांग की है।