Thursday, September 28, 2023

Latest Posts

नीतीश कुमार को अधिकारियों पर नहीं रहा पहले जैसा भरोसा

महेश कुमार सिन्हा

पटना : बिहार में सत्ता समीकरण बदलने और मुख्यमंत्री नीतीश कुमर के महागठबंधन के साथ आने के बाद अधिकारियों के साथ उनके व्यवहार में बदलाव दिख रहा है। या तो उनमें पहले जैसा आत्मविश्वास नहीं रहा या फिर वह अधिकारियों पर पहले की तरह भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। यही वजह है कि सरकारी कार्यक्रमों के दौरान उन्हें वहां मौजूद अधिकारियों से यह वादा कराना पड़ रहा है कि अमुक काम वह करेंगे न! यही नहीं वे अधिकारियों को मंच पर बुला कर उनसे शपथ दिलवाते हैं कि वे दिए गए काम को ईमानदारी से करेंगे। ऐसा ही एक वाकया बीते दिन दिखा। मौका था, राज्य में शराबबंदी कानून के अनुपालन से संबंधित कार्यक्रम का। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के व्यवहार से अधिकारियों में खुद को अपमानित किए जाने की भावना उत्पन्न होने लगी है। हालांकि, सरकार के सामने अधिकारी कुछ बोल नहीं पाते हैं, लेकिन दबी जुबान यह चर्चा होने लगी है कि या तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकारियों पर भरोसा नहीं हो पा रहा है अथवा मुख्यमंत्री उन्हें जलील कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि यह मुख्यमंत्री का काम है कि वह अधिकारियों को टास्क दें और अधिकारी उसे पूरा करें। लेकिन सार्वजनिक रूप से यह शपथ दिलवाया जाना एक तरह से अधिकारियों को अपमानित किये जाने के समान ही है। कहा जा रहा है कि जिस तरह से सत्ता में रहते हुए लालू यादव अधिकारियों को सार्वजनिक तौर पर अपमानित करते थे, ठीक उसी तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी करने लगे हैं। पिछले ही दिनों मद्य निषेध दिवस के मौके पर पटना में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पटना के जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो को मंच पर बुलाकर यह शपथ दिलवायी कि वे पटना में दारू बंद करायेंगे। इससे इतना तो साफ हो ही गया कि मुख्यमंत्री भी कबूल कर रहे हैं शराबबंदी कानून के बावजूद यहां दारु बिक रही है। प्रशासनिक हलको में कहा जा रहा है कि सरकार के आदेशानुसार अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हीं हैं और उस दिशा में कठोर कार्रवाई भी करते हैं। बावजूद इसके, उनको मंच पर बुलाकर सार्वजनिक रूप से कार्रवाई किये जाने का दिशा-निर्देश दिया जाना एक तरह से उन्हें अपमानित किये जाने के समान ही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंच से कहा कि राज्य के अंदर रहकर शराब का अवैध धंधा करने वाले असली धंधेबाजों को पकड़ने की जरूरत है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को मंच से ही निर्देश देते हुए कहा कि असली धंधेबाज को पकड़कर जेल भेजिए। हर विभाग से शराबबंदी को लेकर यह प्रचार-प्रसार कराईये। उन्होंने मंच से पुलिस और प्रशासन से जुड़े अधिकारियों की ओर इशारा करते हुआ कहा कि समाज में सुधार के इस अभियान को और तेज गति से बढ़ाईये। यह कोई पहला मौका नहीं था, इसके पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उर्दू अनुवादकों को नियुक्ति पत्र देते हुए राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी से यह कह दिया था कि आपने प्रवचन तो अच्छा दिया, लेकिन आप भूल गए हैं आपका काम है देखना। आप बहाली कराइए। आपको हम मुख्य सचिव बनाकर रखे हैं। यही नहीं उन्होंने अपने प्रधान सचिव दीपक कुमार पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि आपको मुख्य सचिव बनाया था, लेकिन आपने भी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं की। ये महज वो उदाहरण हैं। इसके अलावा भी कई मौकों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नौकरशाहों पर निशाना साध चुके हैं। इससे साफ है कि राज्य में नौकरशाही को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के व्यवहार में परिवर्तन आया है और यह परिवर्तन सार्वजनिक कार्यक्रमों में उजागर होने लगा है। यही नहीं यह परिवर्तन नौकरशाही को महसूस भी हो रहा है।

लेखक : न्यूजवाणी के बिहार के प्रधान संपादक हैं और यूएनआई के ब्यूरो चीफ रह चुके हैं

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.