पटना : बिहार के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जुबानी हमले का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने रविवार को कहा कि नीतीश कुमार कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों द्वारा भाव नहीं दिए जाने के बाद हताशा में अपने को पीएम रेस से बाहर कर लिए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कुछ महीने पहले कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी से लालू प्रसाद के साथ मिलने की औपचारिकता के साथ कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात के बावजूद नीतीश कुमार को किसी ने तव्वजो नहीं दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार आज जिस आरएसएस और भाजपा पर स्तरहीन टिप्पणी कर रहे हैं उसने ही उन्हें 2000 में मात्र सात विधायकों और 2020 में तीसरे स्थान पर आने वाली पार्टी के नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया। विजय सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस नेता कमलनाथ के इस बयान के आने के बाद कि राहुल गांधी ही होंगे पीएम पद के उम्मीदवार , नीतीश कुमार के पीएम बनने की महत्वाकांक्षा की न केवल भ्रूण हत्या हो गई, बल्कि उनके देशव्यापी अभियान की शुरुआत से पहले ही हवा निकल गई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दरअसल रीजनल और सीजनल नेता नीतीश कुमार अब तक कंधों की सवारी करके ही पद पाते रहे हैं। 2013 में जब भाजपा से अलग होकर 2014 के लोकसभा चुनाव में ताल ठोका तो औकात पता चल गई थी। महज दो सीटों से संतोष करना पड़ा था। मौकापरस्ती के मास्टर नीतीश कुमार मौसम की तरह बदलते-बदलते अब रिजनल के साथ सिजनल नेता भी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अपने नए साथी राजद और कांग्रेस को खुश करने के लिए ही दो दिन पहले एक कार्यक्रम में उन्होंने आरएसएस और उस भाजपा पर ओछी टिप्पणी की थी,जिसके कंधे पर सवारी कर न केवल अपना कद बढ़ाया। बल्कि केंद्र से लेकर राज्य तक में पद भी पाते रहे हैं। दरअसल नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं, उन्हें न अब देश और न बिहार की जनता ही स्वीकार करेगी।