पटना : बिहार में जहरीली शराब से हो रही मौतों पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी नीतीश सरकार पर हमला बोल दिया है। पीके ने शनिवार को कहा कि उन्हें इस बात का बेहद अफसोस है कि वह कभी नीतीश कुमार के दोस्त रहे हैं। उन्होंने 2014-15 के चुनावों में उनकी मदद की थी। पीके ने कहा मैं जिस नीतीश कुमार को जानता था, वह आज के नीतीश कुमार से अलग हैं। तब के नीतीश कुमार एक रेल हादसे से दुखी होकर वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। पीके ने कहा कि नीतीश कुमार के राज में कोरोना काल में बिहार के हजारों लोग मर गए, बिहार के लड़के पैदल चलकर घर लौटें और ये अपने बंगले से बाहर तक नहीं निकले। नीतीश कुमार आज 50 लोगों की मृत्यु पर हंस रहे हैं और कह रहे हैं, जो पिएगा वो मरेगा ही। ऐसे अहंकारी और असंवेदनशील व्यक्ति का नाश निश्चित है। उनका बयान मानवता के नाम पर धब्बा है। छपरा में जहरीली शराब पीने से हुई दर्जनों मृत्यु पर प्रशांत किशोर ने दुख व्यक्त किया और शराबबंदी को एक विफल योजना बताते हुए इसे 48 घंटे के भीतर रद्द करने की मांग की। इस दौरान उन्होंने भाजपा, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव तीनों पर निशाना साधा और सबको शराबबंदी की विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई भी सरकार जिसके क्षेत्र में 50 लोगों की मृत्यु होगी, वो संवेदनशील होगी, शोकाकुल होगी। पीके ने कहा कि नीतीश कुमार यह कहते हैं वह गांधी जी से प्रभावित हैं, उन्हीं के आदर्शों पर चलकर शराबबंदी की गई। लेकिन महात्मा गांधी को जितना मैंने पढ़ा है, उन्होंने कहीं नहीं कहा है कि शराबबंदी सरकार द्वारा कानून पास कर किया जाये। उन्होंने कहा कि बिहार नीतीश कुमार की जागीर नहीं कि वो तय करे कि मुख्यमंत्री के कुर्सी पर किसे बैठाना है। इस कुर्सी पर कौन बैठेगा, यह जनता तय करेगी। पीके ने कहा की नीतीश कुमार को 2025 का इंतजार करने के बजाए अभी तेजस्वी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा देना चाहिए, ताकि जनता को भी यह पता चल सके की तेजस्वी बिहार को कैसे चला रहे हैं। उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री के चेहरे पर और तीर के बटन पर अब कोई चुनाव जीत नही सकता। पीके ने कहा कि बिहार में नीतीश और तेजस्वी के गठबंधन में राजद का ज्यादा योगदान है, इसलिए नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए ताकि 3 साल उनके (तेजस्वी यादव) पास काम करने का अवसर रहे और जनता भी देख पाएगी कि तेजस्वी यादव ने 3 वर्ष में कितना बढ़िया काम किया है।