पटना: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना दिया जाए। मोदी ने रविवार को कहा कि अगर तेजस्वी मुख्यमंत्री बन जाएंगे तो उनके लिए शराब का कारोबार रोकना आसान हो जाएगा। क्योंकि शराब माफिया कोई और नहीं बल्कि तेजस्वी के ही लोग हैं।उन्होंने नीतीश सरकार पर छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा छुपाने का आरोप लगाया है।सुशील मोदी ने कहा कि मरने वालों की संख्या 100 पार कर चुकी है। लेकिन सरकार आंकड़ों को छुपा रही है। पुलिस के डर से बड़ी संख्या में लोगों ने शवों को जला दिया है। अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है। सरकार ने अस्पताल में सही व्यवस्था की होती तो लोगों को बचाया जा सकता था। इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार के सहयोगी दलों से अनुरोध करते हुए कहा कि आप लोग नीतीश कुमार पर दबाव बनाएं, भले क्रेडिट भी आप ही ले जाएं। उन्होंने कहा कि हम लोग शराबबंदी को खत्म करने के समर्थन में नहीं हैं। जब नीतीश कुमार ने शराबबंदी की घोषणा की थी तो उस समय हम लोग विपक्ष में थे। शराबबंदी एक अच्छा कदम था, लेकिन नीतीश कुमार इसे लागू कराने में फेल हो गए। उन्होंने नीतीश सरकार को घेरते हुए कहा कि शराबबंदी नीति में मौत पर 4 लाख मुआवजा का प्रावधान है। मोदी ने कहा कि बिहार उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 42 में 4-4 लाख मुआवजे का प्रवाधान है। उन्होंने कहा कि गोपालगंज शराब कांड में 14 परिवारों को चार-चार लाख मुआवजा दिया गया, तो फिर सारण के मृतक परिवारों को मुआवजा क्यों नहीं दिया जाएगा? उन्होंने कहा कि ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गलत बयानबाजी करने के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए। मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का भी समर्थन करते हुए कहा कि मांझी दलितों के नेता हैं। उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बनाना चाहिए कि छपरा जाकर पीड़ित परिवार से मिले और उनकी मदद करें। मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार भाजपा वालों को धमकी देते हैं कि बर्बाद हो जाओगे। इस बयान के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भाजपा से माफी मांगनी चाहिए। छोटे अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया, वहीं एसपी और डीएसपी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अहंकार के साथ बोलते हैं कि जो पिएगा वो मरेगा। जिस शराब को पीने से सैकड़ों लोगों की मौत हुई है, उसको बनाने के लिए स्प्रिट स्थानीय मशरक थाने से आपूर्ति की गई थी। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड में भी राज्य सरकार आंकड़ों को छुपा रही है।