महेश सिन्हा
पटना : बिहार के कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने अपना उम्मीदवार उतार कर इसे बहुत ही दिलचस्प बना दिया है। ओवैसी की पार्टी ने कुढ़नी से गुलाम मुर्तजा अंसारी की उम्मीदवारी की घोषणा की है। एआइएमआइएम के चुनाव मैदान में आने से महागठबंधन के उम्मीदवार मनोज कुशवाहा को हो सकता है। इससे पहले गोपालगंज उपचुनाव में ओवैसी फैक्टर अपना जलवा दिखा चुका है। गोपालगंज में एआइएमआइएम के उम्मीदवार को 12 हजार से अधिक वोट मिले थे,जबकि महागठबंधन के उम्मीदवार की हार करीब 1700 वोटों से हुई थी। कुढ़नी में मुख्य मुकाबला महागठबंधन के उम्मीदवार जदयू के मनोज कुशवाहा और भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता के बीच है। दोनों पुराने प्रतिद्वंदी हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में वे आपस में भिड़ चुके हैं। उस चुनाव में केदार प्रसाद गुप्ता मनोज कुशवाहा से 11570 वोटों से जीते थे। तब भी राजद और जदयू साथ थे। इस बार भी दोनों साथ हैं। हालांकि, 2020 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू भाजपा के साथ एनडीए में था। उस चुनाव में कुढ़नी सीट भाजपा के कोटे में गयी थी। बतौर भाजपा उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता वहां से लड़े थे और महागठबंधन के उम्मीदवार राजद के अनिल सहनी से सिर्फ 712 वोट से हार गये थे। अनिल सहनी को एक मामले में सजा मिलने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गयी, जिसके कारण कुढ़नी में उपचुनाव हो रहा है। यह राजद की सीटिंग सीट थी ,लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आग्रह पर राजद ने गठबंधन धर्म निभाते हुये जदयू के लिये छोड़ दी। इस बीच मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी ने भी कुढ़नी उपचुनाव में नीलाभ कुमार को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। नीलाभ को सामाजिक समीकरण के आधार पर मिलने वाले वोट भाजपा के लिये नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। क्योंकि नीलाभ उस बिरादरी से आते हैं, जिसे भाजपा का परंपरागत वोटर माना जाता है। हालांकि, कुढ़नी उपचुनाव को लेकर वीआईपी प्रमुख का रवैया ठुलमुल रहा है। उन्होंने पहले कहा था कि यदि भाजपा किसी निषाद को टिकट देगी तो वह उसका समर्थन करेंगे। फिर कहा कि अगर महागठबंधन किसी निषाद को उम्मीदवार बनायेगा तो वह उसके लिये प्रचार भी करेंगे। सहनी बनते हैं निषादों के नेता, लेकिन खुद किसी निषाद को न दे कर टिकट एक सवर्ण को दे दिया। मकसद साफ है, वह महागठबंधन को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। इसमें वह कितना सफल होते हैं, यह तो समय ही बतायेगा। लेकिन ओवैसी फैक्टर कुढ़नी में गुल खिला सकता है। क्योंकि ओवैसी के उम्मीदवार गुलाम मुर्तजा अंसारी जिला पार्षद रहे हैं। क्षेत्र में उनका प्रभाव है और वह राजद के मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते हैं। इसका सीधा लाभ भाजपा को मिल सकता है।
बढिया विश्लेषण।
आगे भी जारी रहेगा, बस साथ बने रहे!