पटना : नगर सरकार की मुखिया फिर सीता साहू बनी हैं। पटना नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर की सीट इस बार महिलाओं के लिए सुरक्षित रखा गया था। मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव इस बार सीधे जनता के वोट से हुआ। मेयर पद के लिए सीता साहू ने दोबारा जीत हासिल की है। सीता साहू को इस बार 64,849 वोट मिले, जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी महजबीं को 39,919 मत मिले हैं। पिछली बार साहू पार्षदों के वोट से मेयर बनी थीं। वहीं, डिप्टी मेयर के चुनाव में रेशमी चंद्रवंशी ने जीत हासिल की है। इन्होंने अंजना गांधी को 5,251 वोटों से हराया। पटना के मेयर चुनाव में सीता साहू और मजहबी के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी। सीता साहू की राजनीतिक प्रतिष्ठा सबसे अधिक दांव पर लगी थी। इन्हें भाजपा का समर्थन प्राप्त है। वहीं मजहबी राजद नेता और पूर्व मेयर अफजल इमाम की पत्नी हैं। अफजल इमाम पटना के मेयर रह चुके हैं। राजद से इनका जुड़ाव रहा है। पहली बार पटना में जनता सीधे मेयर और उप मेयर चुनने के लिए वोट किया था। पटना नगर निगम में 32 प्रत्याशी मेयर पद के लिए मैदान में थे। राजधानी में किसी राजनीतिक दिग्गज के परिवार के सदस्य रिश्तेदार मैदान में नहीं था। इसके बाद भी पटना नगर निगम हॉट सीट बना हुआ था। पटना को भाजपा का गढ़ कहा जाता है, वह इस सीट पर अपने समर्थित उम्मीदवार सीता साहू को जीत दिलाकर अपने गढ़ को बचा ली है। सीता साहू भाजपा समर्थक मानी जाती हैं। इस कारण से इनका पलड़ा भारी माना जा रहा था क्योंकि इन्हें भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं का बड़ा समर्थन मिला। साथ ही कोई और ऐसा उम्मीदवार नहीं उतरा, जिसको भाजपा का समर्थन मिलता। इस वजह से भी इनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी। जबकि मजहबीं पटना के पूर्व मेयर अफजल इमाम की पत्नी हैं और बेहद मज़बूती से जीत का दावा कर रही थीं। इसके पीछे उनके पति की मेहनत और पुरानी पकड़ को माना जा रहा था। साथ ही इन्हें राजद का नजदीकी भी माना जाता है और खबर है कि राजद के कई नेताओं ने भी इन्हें काफी मदद की थी, लेकिन इसका फायदा इन्हें नहीं मिल सका।