Thursday, December 7, 2023

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राहुल समझ नहीं पाए हैं कि वह करना क्या चाहते हैं : गिरिराज सिंह

पटना : केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुला की टिप्पणी पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा है कि फारुख अब्दुल्ला को तो अपनी हकीकत मालूम हो गई है। लेकिन, राहुल गांधी को अभी भी समझ नहीं आ रहा है कि वो करना क्या चाहते हैं। गिरिराज सिंह रविवार को पटना में  पत्रकारों से बात कर रहे थे।उल्लेखनीय है कि फारुक अब्दुला ने राहुल गांधी की तुलना शंकराचार्य से करते हुए कहा था कि सदियों पहले जब सड़क नहीं थी तो शंकराचार्य ऐसी ही यात्रा पर निकले थे। अब उनके बाद राहुल गांधी ऐसे नेता हैं जो इस तरह की यात्रा पर निकले हैं।  इसी को लेकर जब भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला को काफी समय से राजनीति और उम्र का तजुर्बा है। लेकिन राहुल गांधी को अभी समझ नहीं आया है कि वह शंकराचार्य के मठ पर जाएंगे या अपने दादाजी के इलाहाबाद वाले मजार पर। गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर केंद्र सरकार की ओर से रोक लगाए जाने पर कांग्रेस के  विरोध को लेकर गिरिराज सिंह ने कहा कि देश में अब एक नई संस्कृति पैदा हुई है। मोदी को गाली देते- देते लोग अब देश की संस्कृति पर भी सवाल उठाने लगे हैं। अब ये लोग टुकड़े-टुकड़े गैंग को भी गाली दे रहे हैं। वहीं, राजद कोटे के मंत्री के तरफ से सवर्णों को लेकर दिए गए विवादित बयान पर उन्होंने  कहा कि वह(आलोक मेहता) जिस राजनितिक दल(राजद) में हैं, उसका इतिहास रहा है वोट के लिए समाज को तोड़ना, तो वो ऐसा काम हमेशा करते रहते हैं। इसमें कोई भी नयी बात नहीं है। जहां रामायण, भागवत जैसे पवित्र ग्रंथ पर विवादित बयान दिया जाता है, वहां एक समाजिक  को लेकर इस तरह की बात कही जाए तो अधिक अचरज नहीं होता है। हालांकि, इसके बाद उन्होंने एक बार फिर से यह कहा कि राजद के किसी भी नेता में हिम्मत है तो मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ कुरान को लेकर कुछ टिप्पणी करें। इस पर अगर कोई बयान देता है तो सर तन से अलग हो जाएगा। लेकिन,  सनातन पर गाली देने का एक फैशन हो चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए गिरिराज सिंह ने कहा किे नीतीश कुमार अब एक लाचार मुख्यमंत्री बन चुके हैं। वह एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो अपने मंत्रियों को समझा नहीं पा रहे हैं। तो यही कहा जाएगा कि धृतराष्ट्र के जैसे बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। बिहार में धार्मिक उन्माद पहले यही नीतीश कुमार चाह रहे हैं जनता यही समझेगी।

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