पटना : राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने डा. राम मनोहर लोहिया के हवाले से कहा कि रामायण में बहुत सारा कूड़ा-करकट भी है और हीरा-मोती भी। कूड़ा-करकट बुहारने के चक्कर में हीरा मोती भी नहीं बुहार देना चाहिए। हीरा-मोती खाने के चक्कर में कूड़ा करकट नहीं खा लेना चाहिए।शिवानंद तिवारी ने शुक्रवार को कहा कि समाजवादी आंदोलन के जनक डॉ राम मनोहर लोहिया ने राम और रामायण मेले के आयोजन को लेकर सर्वाधिक लेख लिखे हैं। डॉक्टर लोहिया सभी भाषाओं में उपलब्ध रामायण के प्रशंसक हैं। पर उनका मन तुलसी के रामायण में रमा हुआ है। तुलसी की रामायण में आनंद के साथ-साथ धर्म भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि तुलसी की कविता आदमी को टिकाती हैं और जोड़े रखती हैं। तुलसी एक रक्षक कवि हैं। जब चारों तरफ से अभेद हमले हों तो बचाना, थामना, टेकी देना शायद ही तुलसी से बढ़कर कोई कर सकता है। बाल्मीकि और एवं दूसरे रामायण में प्रेम को इतनी बड़ी जगह नहीं मिली जितनी की तुलसी की रामायण में है।