पटना : राजद विधायक सुधाकर सिंह के खिलाफ पार्टी की ओर से कार्रवाई की पहल के बाद राज्य की राजनीति गरमाने लगी है। जदयू इसे अपने दवाब में उठाया गया कदम मान कर उत्साहित है। वहीं भाजपा का कहना है कि सत्ता हथियाने के चक्कर में तेजस्वी यादव ये सब करवा रहे हैं। प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जमकर बरसते हुए कहा कि बिहार में दो महाठगों की सरकार चल रही है। बिहार में सत्ताधारी दल के नेता द्वारा बार-बार भष्टाचार ,लूट और घोटाले की बात कही जा रही है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस मामले को संज्ञान में नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति इस मुद्दे को उठा रहा है, उसे ही नोटिस भेजा जा रहा है और कार्रवाई की धमकी दी जा रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ता में बैठे सात दलों में दो दल लोगों का ध्यान भटकाने में लगे हैं। एक दूसरे को ठगने और दबाव में लाने का काम कर रहे है। बिहार में भ्रष्टाचार को चरम तक पहुंचाने में इन दोनों दलों की महत्वपूर्ण भूमिका है। विजय सिन्हा ने कहा कि आपस में दो ठग एक-दूसरे को ठगने का काम कर रहे है। दोनों की नौटंकी से बिहार की जनता परेशान हो चुकी है। सत्ता के चक्कर में बिहार कानून व्यवस्था और विकास को खत्म करने में लग गए हैं। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामायण और रामचरित्र मानस पर बयान देकर करोड़ों लोगों के आस्था पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि असली चेहरा तो शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर हैं। चंद्रशेखर पर कार्रवाई करने से राजद क्यों बच रही है? महागठबंधन के लोग भी सवाल उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कार्रवाई करना चाहिए। लेकिन राजद सत्ता हथियाने और मुख्यमंत्री नीतीश पर दबाव डालने का काम रही है। बिहार के पूर्व डीजीपी एसके सिंघल को केंद्रीय चयन पर्षद का अध्यक्ष बनाए जाने पर नेता प्रतिपक्ष ने नीतीश सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार को दबाने और भ्रष्टाचार में लिप्त पदाधिकारियों को बचाने का खेल खेला जा रहा है। एसएसपी आदित्य कुमार के प्रकरण में पूर्व डीजीपी एसके सिंघल भी उतने ही दोषी हैं, जितने आदित्य कुमार हैं। आदित्य कुमार पर गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया, जबकि एसके सिंघल को क्लीन चिट दे दिया गया। विजय सिन्हा ने कहा कि रिटायर होने के बाद एसके सिंघल को पुरस्कृत कर चयन पर्षद के अध्यक्ष बना देना, यह कही ना कहीं मुख्यमंत्री नीतीश की मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जो रिटायर्ड कर्मी होते है उनकों बार-बार समयावधि विस्तार कर पुरस्कृत करने का काम नीतीश कुमार करते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है कि ताकि किये पाप और भ्रष्टाचार को छुपाया जा सके। यह मानसिकता बिहार के अंदर पूरी तरह प्रशासनिक अराजकता का वातावरण बना रहा है। उन्होंने महागठबंधन से पूछा कि आपलोग अलग-अलग एजेन्डा क्यों तय कर रहे है? लोगों को भटकाने का काम क्यों कर रहे हैं? बिहार में गिरती कानून व्यवस्था भ्रष्टाचार पर जवाब दें नीतीश? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राममंदिर, रामायण और रामचरितमानस का प्रकरण सोची समझी रणनीति के तहत लाया गया। इस तरह का वातावरण बनाकर लोगों को मूल विषय से भटकाने का खेल जारी है।