पटना : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्ष को एकजुट करने में जुटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंसूबों पर राजद विधायक और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने सवाल उठा दिया है। सुधाकर सिंह ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री पद के दावेदार और योग्यता रखने वाले तो दर्जनों लोग हैं। अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दावेदारी सच में साबित करनी है तो उन्हें मंडी कानून और किसानों के मुद्दे को लागू करना होगा। नीतीश कुमार को यूपीए का संयोजक बनाए जाने की बात पर सुधाकर सिंह ने कहा कि जहां तक मुझे पता है, कल तक यूपीए की संयोजक सोनिया गांधी हैं और अभी तक ऐसी कोई बैठक नहीं हुई है, जिसमे ये निर्णय लिया गया हो कि किसी को नया संयोजक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर यूपीए कोई नया संयोजक बनाता है तो उसका स्वागत है। चूंकि राष्ट्रीय लेवल के मसले राष्ट्रीय लेवल पर ही हल किए जाते हैं। सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए कहा कि अभी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यूपीए में शामिल हुए हैं। इससे पहले वो एनडीए का हिस्सा थे। इसलिए उन्होंने अभी तक यूपीए के एजेंडे पर कोई काम ही नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में यूपीए का एजेंडा तय है। राज्य में भी उनका एजेंडा तय है। सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार को यूपीए के एजेंडे पर काम करने की नसीहत देते हुए कहा कि यूपीए के एजेंडे पर काम करने से उनकी (नीतीश कुमार) भी लोकप्रियता बढ़ेगी। सुधाकर सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को अगर संयोजक बनाया जाता है तो बिहार को थोड़ा फायदा होगा। लेकिन अगर कोई यूपीए का नेता ही अगर यूपीए का नेतृत्वकर्ता बनता है तो उसका ज्यादा असर होगा। अगर कांग्रेस नीतीश कुमार को यूपीए का संयोजक बनाती है तो बिहार के लिए गौरव की बात होगी। सुधाकर सिंह ने जदयू को बहुत छोटी पार्टी बताते हुए कहा कि ये राज्य स्तरीय बहुत ही छोटी पार्टी है, इससे देश को बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। मैं सभी नेताओ को कहूंगा की मिलजुलकर विपक्ष की लड़ाई को आगे बढ़ाना चाहिए, सभी के अपने जनाधार है, सभी के अपने अस्तित्व है, इसीलिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।