पटना : बिहार सरकार ने अप्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का फैसला किया है। सरकार के इस निर्णय से नए साल में कई शिक्षकों की नौकरी पर खतरा आ गया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक के अनुसार जिन्होंने प्रशिक्षण हासिल नहीं किया है, उन्हें हटाया जाएगा। इस बारे में विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने पत्र लिखकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को यह सूचित किया है कि ऐसे शिक्षक जिन्होंने 19 अक्टूबर 2022 तक प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया है या अनुकंपा के आधार पर बिना ट्रेनिंग किए हुए ही नियुक्त हुए हैं उनकी सेवा को जल्द से जल्द समाप्त किया जाए। पत्र में कहा गया है कि इस कोटि के ऐसे शिक्षक ही सेवा में बने रहेंगे, जिन्होंने 31 मार्च 2019 के बाद और 19 अक्टूबर 2022 तक प्रशिक्षण हासिल कर लिया है। ऐसे सभी शिक्षकों को उनकी ट्रेनिंग पूरी करने की अवधि से नियुक्त माना जाएगा और उसी दिन से उनकी सेवा की गणना की जाएगी। इनके ट्रेनिंग से पहले की सेवा की गणना किसी भी प्रयोजन के लिए नहीं की जाएगी। इसके अलावा वैसे भी शिक्षक सेवा में बने रहेंगे, जो नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिंग या एससीईआरटी से सम्बद्ध होकर प्रशिक्षणचर्या पूर्ण कर उत्तीर्ण हुए हैं। लेकिन इंटर में 50 फीसदी अंक प्राप्त नहीं कर पाने के कारण उनका परीक्षा परिणाम रोका गया है। लेकिन इसी श्रेणी में भी प्रशिक्षण पूर्ण नहीं करने वाले या अनुत्तीर्ण रहने वाले शिक्षकों की सेवा समाप्त होगी। इसके अलावा 21 मार्च 2019 तक जिनके लिए परीक्षा का आयोजन नहीं हो पाया है, उनकी सेवा भी समाप्त की जाएगी। बाकी वैसे शिक्षक जो इग्नू द्वारा आयोजित डीपीई का 2 वर्षीय प्रशिक्षण हासिल किया है, लेकिन छह माह का ब्रिज कोर्स नहीं कर सके हैं। वे भी सेवा में बने रहेंगे। लेकिन उन्हें विभाग द्वारा आयोजित छह माह के ब्रिज कोर्स में उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा। छह माह का ब्रिज कोर्स नहीं करने वाले सेवा मुक्त शिक्षकों का अवसर मिलेगा। वे छह महीने का ब्रिज कोर्स उत्तीर्ण कर लेने के बाद फिर से नियुक्त होंगे। उन्हें हटाई गई अवधि का वेतन नहीं दिया जाएगा