महेश कुमार सिन्हा
पटना । पासी समाज के लोगों ने राज्य सरकार पर ताड़ी के परंपरागत व्यवसाय से जुड़े लोगों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। ताड़ी पर प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर पासी समाज की ओर से विधानसभा मार्च के दौरान पुलिस पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को लबनी के साथ प्रदर्शन किया गया। वहीं, लोजपा (रामविलास) ने पासी समाज की मांग का समर्थन किया है। पार्टी अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने भी ताड़ी पर से प्रतिबंध हटाने की मांग की है। चिराग ने कहा कि पासी समाज की जीविका का एक मात्र साधन ताड़ी बेचना ही है। नीतीश कुमार आलीशान बंगले में आराम से रह रहे हैं, लेकिन पासी समाज के लोगों के बच्चों का जीवन अंधकार में है। उन्होंने कहा कि पासी समाज के लोग जब अपने हक और अधिकार के लिए सड़क पर उतरे थे तब उनपर लाठियां चलाई गई और मुकदमे किए गए। चिराग ने कहा कि हमारे नेता रामविलास पासवान से लेकर अब तक हम लोग ताड़ी पर प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे हैं। नीतीश कुमार को अपने प्रदेश के लोगों का दर्द दिखाई नहीं देता है। ताड़ी एक नेचुरल जूस है और शराब कैसे बनती है? वह नीतीश कुमार के प्रशासन के लोग जानते हैं। नीतीश के अधिकारियों के नेतृत्व में बिहार के हर प्रखंड में हर जिले में शराब बनाने का व्यवसाय चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अपनी सुविधा और फायदे के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पाला बदलते हैं। नीतीश कुमार पासी जाति से भेदभाव करते हैं। नीतीश की शराबबंदी के कारण राज्य में धड़ल्ले से बिक रही जहरीली शराब से लोग मर रहे हैं। लेकिन, नीतीश सरकार गरीब पासी समाज को जेल भिजवाती है। राज्य के अधिकारी जानते हैं की कैसे शराब का धंधा होता है। इसके बाद भी कार्रवाई पासी समाज पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ताड़ी उतारना पासी समाज का पुश्तैनी पेशा है। यह जानते हुए भी पासी समाज को प्रताड़ित किया जा रहा है। अपने रोजगार के हक में आवाज उठाने वाले पासी समाज पर नीतीश की पुलिस लाठी बरसाती है। पासी समाज के संघर्ष को लोजपा (रामविलास) का समर्थन रहने की बात करते हुए चिराग ने पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने नीतीश कुमार को छात्रों, बेरोजरों और गरीबों पर लाठी चलवाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि लोग जिएं या मरे नीतीश कुमार को कोई मतलब नहीं है। नीतीश अपनी इसी जन विरोधी कार्यशैली के कारण तीन नंबर की पार्टी बने हुए हैं। चिराग ने कहा कि गरीब परिवार के लोगों पर कार्रवाई होती है और झूठे मुकदमे दर्ज किए जाते हैं। अवैध शराब का व्यापार करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है क्योंकि वहां से अवैध पैसा आता है। नीतीश कुमार के नाक के नीचे से शराब की होम डिलीवरी हो रही है, लेकिन नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं।
लेखक : न्यूजवाणी के बिहार के प्रधान संपादक हैं और यूएनआई के ब्यूरो चीफ रह चुके हैं