पटना : बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के छह महीने के भीतर ही राजद और जदयू में घमासान मच गया है। जदयू के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे राजद विधायक सुधाकर सिंह के बाद अब रामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लेकिन राजद नेतृत्व नेअब तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं की। राजद विधायक सुधाकर सिंह और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ी जदयू को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने अंदाज में पहली बार जवाब दिया है। उन्होंने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि रामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर पर कार्रवाई की बात फालतू है।पटना में अलग-अलग विभिन्न योजनाओं का जायजा ले रहे तेजस्वी यादव ने साफ कह दिया है कि विपक्षी दलों का मंसूबा सफल नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा नेताओं के सवालों का जवाब नहीं देना चाहता हूं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा मंत्री के बयान को बेकार का इतना तूल दिया जा रहा है। इसमें कोई भी एजेंडा ही नहीं है। बेकार के कुछ लोग इसको लेकर हंगामा मचाए हुए हैं। अब इस मसले को लेकर कोई चर्चा ही नहीं करना चाहिए। तेजस्वी यादव ने राजद और जदयू के बीच कोई अनबन नहीं होने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि महागठबंधन में ‘दरार’ की चर्चा भाजपा की सुनियोजित साजिश है। उन्होंने कहा अब जब से बिहार में महागठबंधन बना है और महागठबंधन सरकार ने अपने एजेंडे के तहत नौकरियां देने की और जातिगत जनगणना कराने का कार्य शुरू किया। वही लोग फिर साज़िशें कर रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री और हम सब इन सभी बातों को समझते हैं और उन लोगों को पहचानते हैं। बिहार में महागठबंधन के शीर्ष नेता हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। सब जानते हैं कि जनता किसके साथ है। बिहार की जनता नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के साथ है, ना की बयानवीर चर्चित नेताओं के साथ। इसके आलावा उन्होंने पिछले दिनों बिहार के चौसा में हुए विवाद को लेकर भाजपा के तरफ से लगाए गए आरोपों को लेकर कहा कि, भाजपा के लोगों को यदि बिहार में इतना ही डर लगता है तो इनलोगों को यहां आना ही नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार भी तो बिहार को लेकर ध्यान नहीं देती है इनको वहां यानि दिल्ली में जाकर भी रोना चाहिए। आज एनसीआरबी का आंकड़ा यह साफ करता है कि, बिहार से बदतर स्थिति दिल्ली में है। यहां भाजपा के नेता बीच चौराहे पर अनशन पर बैठे थे उनके ऊपर किसी तरह की जोर जबर्दस्ती हुई। इसके बावजूद वो लोग कहते हैं कि उन्हें डर लगता है, इससे बड़ा झूठ क्या ही हो सकता है।