पटना : बिहार में नए शिक्षक नियोजन नीति के तहत शिक्षकों की बहाली को लेकर विज्ञापन जारी कर दिया गया है। इसके तहत राज्य में एक लाख से अधिक शिक्षकों की बहाली होनी है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा नेताओं का कहना है कि इस नियमावली के तहत नियोजित शिक्षकों के साथ ठगी किया गया। इसी कड़ी में अब विज्ञापन जारी होने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि राज्य सरकार का मंशा और नीति आम लोगों के समझ से परे है।उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण वाला निर्णय है बिहार सरकार का। राज्य सरकार पुराने शिक्षकों के साथ इस तरह खिलवाड़ नहीं कर सकती है। 80402 बच्चों को इन लोगों ने तय किया था कि हम पक्की नौकरी देंगे उनके जीवन के साथ इस नई नियोजन नीति के साथ खिलवाड़ किया गया है। नीतीश सरकार की मनमर्जी नहीं चलने वाली है। हमलोग शुरू से ही इसका विरोध करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। वहीं, राजधानी पटना में आयोजित विपक्षी दलों के बैठक में बीच भाजपा के तरफ से आयोजित रैली को लेकर जब सम्राट चौधरी से सवाल किया गया तो उन्होंने दो टूक अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष की बैठक से इसको कोई लेना- देना नहीं है। हमारा महासंपर्क अभियान 30 मई से 30 जून यानि पुरे एक महीने तक चलना है। हमारे कार्यक्रम कार्यसमिति की बैठक में ही तय कर लिया गया था। इस दौरान हमने पीएम मोदी से आग्रह किया था कि बिहार का दौरा आप करें। जिसमें उन्होंने लगभग सहमति भी जताई है। इसके आलावा भाजपा के 9 साल बेमिसाल के तहत आयोजित कार्यक्रम का महागठबंधन के तरफ से जारी विरोध को लेकर इन्होंने कहा कि कुछ लोग रोने वाले होते हैं रुदाली टाइप का उससे क्या फर्क पड़ता है। बिहार के बजट का 76 फीसदी भारत सरकार देती है इसके बाद भी ये रोते हैं तो क्या ही कहा जा सकता है। वहीं महागठबंधन के तरफ से आगामी 5 जून को आयोजित धरना प्रदर्शन का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, विरोध करना चाहिए। जो लोग जेपी के आंदोलन से जन्म लिए हैं और अभी कांग्रेस की गोद में जाकर खेल रहे हैं तो क्या ही कहा जा सकता है।