पटना : बिहार में खरमास खत्म होते ही सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। नेताओं के पाला बदल का खेल शुरु हो गया है। इसकी शुरुआत भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने की। वह रविवार को विधिवत जदयू में शामिल हो गये। अब बारी पूर्व केन्द्रीय मंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके आरसीपी सिंह की है। वह जल्द ही भाजपा का दामन थामने वाले हैं। इनके अलावा विभिन्न दलों के कई अन्य नेता आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अपनी संभावनाओं को देखते हुये पाला बदलने के फिराक में हैं। राज्य मंत्रिमंडल में विस्तार की चर्चा भी गरम है।राजद और कांग्रेस से दो-दो विधायकों को शीघ्र मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिलहाल अपनी समाधान यात्रा के तहत जिलों का भ्रमण कर रहे हैं। इस दौरान वह सरकारी काम-काज की सभीक्षा भी कर रहे हैं। इधर राजद विधायक और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह और शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर महागठबंधन के दो प्रमुख दलों राजद और जदयू में तकरार जारी है। इस बीच भाजपा सांसद प्रदीप सिंह ने यह कह कर ठिठुराते ठंढ में राजनीतिक तापमान बढा दिया है कि बिहार में जल्द ही महाराष्ट्र जैसे हालात हो जाएंगे। भाजपा के अररिया से सांसद प्रदीप सिंह ने रविवार को कहा कि जदयू के सभी नेता भाजपा के संपर्क में हैं। हालांकि जदयू ने इस पर पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा दिन के उजाले में सपने बहुत देखती है।भाजपा सांसद ने कहा है कि नीतीश कुमार को छोड़ कर जदयू के सभी नेताओं के लिए भाजपा के द्वार खुले हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में भले ही महागठबंधन बन गया है। लेकिन उसके बनने से जदयू के विधायक और एमपी खुश नहीं है। प्रदीप सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि 2025 में महागठबंधन की अगुवाई तेजस्वी यादव करेंगे। इस घोषणा के बाद से ही जदयू के नेताओं की बेचैनी बढ़ गई है और जदयू के कई विधायक भाजपा के संपर्क में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि बस थोड़ा इंतज़ार कर लीजिए। उन्होंने कहा कि यह बात मैं सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी के तौर पर नहीं कर रहा हूं, बल्कि पूरे भरोसे के साथ बोल रहा हूं। लेकिन, इसका खुलासा अभी नहीं करूंगा, समय आने पर सब कुछ सामने आ जाएगा। वहीं जदयू के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस संभावना को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि ये एक वाहियात अनुमान है, भाजपा दिन के उजाले में सपने बहुत देखती है। ऐसा कुछ नहीं है। नीरज ने कहा कि जदयू में टूट का कोई रिकॉर्ड आज तक नहीं है। भाजपा की बेचैनी समझ में आती है। उन्हें सत्ता से दूरी बर्दाश्त नहीं होती है। भाजपा को समझना चाहिए कि ये बिहार है। यहां लोग उड़ती हुई चिड़िया के पंख में हल्दी लगाते हैं। ये महाराष्ट्र नहीं है।