रांची : जीवनशैली में बदलाव लाकर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बनाया जा सकता है। अधिकांश समय कुर्सी में बैठकर काम करने से मेटाबॉलिज्म जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। सोमवार को ये बातें सीआइपी के डायरेक्टर डॉ बासुदेब दास ने कहीं। वे विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर सीआइपी में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम का विषय सबके लिए स्वास्थ्य था। उन्होंने कहा कि जीवन शैली में बदलाव लाकर बहुत सारी बीमारियों से बचा जा सकता है। सीआईपी के कर्मचारियों के लिए आरबी डेविस ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ दास ने विश्व स्वास्थ्य दिवस के महत्व और वर्तमान दुनिया में जीवन शैली के मुद्दों पर अपनी बातें रखीं। वहीं, मनोचिकित्सा के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुनील कुमार सूर्यवंशी ने जीवन शैली के मुद्दों और स्वास्थ्य पर प्रभाव पर अपनी बात रखी। उन्होंने गैर-संचारी रोगों पर काबू पाने के बारे में सरल कदमों का उल्लेख किया। आशुतोष उपाध्याय ने स्वास्थ्य और कल्याण पर अपनी बातें रखीं। उन्होंने स्वास्थ्य के आध्यात्मिक पहलुओं के आधार पर बात की। मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कार्य विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. के. प्रसाद की ओर से समापन टिप्पणी और धन्यवाद ज्ञापन किया गया। विभिन्न विभागों के इंटर्न सहित लगभग 150 स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। डॉ जेएस कच्छप, डॉ अविनाश शर्मा, डॉ. अरविंद और सोरेन बाला सुरीन सीआईपी, रांची के विभिन्न विभागों के संकाय और कर्मचारियों के साथ कार्यक्रम का हिस्सा थे।