वलादोलिद : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने दिल्ली में अधिकारियों के तबादले और पदस्थापना से जुड़े केंद्र के अध्यादेश को ‘अलोकतांत्रिक कदम’ करार देते हुए कहा है कि इस विषय को संवैधानिक तरीके से हल किया जाना चाहिए।उन्होंने एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि दिल्ली में संसद, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के एनक्लेव के आसपास के इलाके ही केंद्र के अधीन होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनकी निजी राय है।थरूर ने यहां एक साहित्य महोत्सव से इतर कहा, ‘‘यह बहुत निंदनीय है कि उन्होंने (केंद्र) ऐसा किया है। मेरी निजी राय है कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसे संवैधानिक ढंग से हल किया जाना चाहिए। परंतु यह सच है कि भाजपा अपने रास्ते जा सकती है, क्योंकि कानून के तहत उसके पास संसद में बहुमत है, वे इसे पलटने के लिए कानून पारित कर सकते हैं और उस चीज को स्थापित कर सकते हैं, जो वो देखना चाहते हैं। फिलहाल उन्होंने अध्यादेश के जरिये जो किया है, वो अच्छा रास्ता नहीं है।’’उन्होंने कहा कि दिल्ली में संसद, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के एनक्लेव के आसपास के इलाके ही केंद्र के अधीन होने चाहिए।थरूर ने कहा कि शेष दिल्ली, दिल्ली की निर्वाचित सरकार के तहत आनी चाहिए।उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ लोग काम करने के लिए सरकार चुनते हैं और दूसरी तरफ केंद्र सरकार द्वारा लगातार दखल दिया जाता है। मुझे लगता है कि यह स्वस्थ परंपरा नहीं है।’’गौरतलब है कि केंद्र ने 19 मई को दिल्ली में ग्रुप-ए के अधिकारियों के तबादले और पदस्थापना पर एक प्राधिकरण बनाने के लिए अध्यादेश जारी किया था, जिसे आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने सेवाओं के नियंत्रण पर न्यायालय के फैसले के साथ धोखा बताया था। शीर्ष अदालत ने 11 मई को पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि मामलों को छोड़कर अन्य सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली की निर्वाचित सरकार को देने का निर्णय सुनाया था।थरूर ने पहलवानों के मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को बहुत नुकसान होने जा रहा है, क्योंकि उसने एक ऐसा रुख अपनाया है, जो देश को ‘नैतिक रूप से अस्वीकार्य’ है।उन्होंने हाल ही में संपन्न ‘जेएलएफ वालादोलिद’ महोत्सव से इतर एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि पहलवानों के विषय पर मोदी सरकार ने जो रवैया अपनाया है, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्हें (भाजपा) लोगों की नजरों में बहुत नुकसान होने जा रहा है, क्योंकि वे इस बात को समझने में विफल रहे कि अब भारत की जनता इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करती है।’’ ओलंपिक पद विजेता साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट समेत कई प्रमुख पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हाल ही में जंतर-मंतर पर कई दिनों तक धरना दिया था। वे यौन शोषण के आरोप में सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। सरकार की ओर से जांच पूरी होने का इंतजार करने के लिए कहे जाने के बाद प्रदर्शनकारी पहलवानों ने अपना प्रदर्शन 15 जून तक के लिए स्थगित कर दिया है। थरूर ने कहा कि सरकार कम से इतना कर सकती थी कि मामले में गंभीर जांच होती।