Thursday, September 21, 2023

Latest Posts

विधान परिषद की पांच सीटों में दो भाजपा और दो जदयू को मिली जबकि एक सीट पर निर्दलीय जीता

पटना : बिहार  विधान परिषद की पांच सीटों के लिए हुए चुनाव में महागठबंध को झटका लगा है। चुनाव परिणामों  सबसे चौंकाने वाला नतीजा सारण शिक्षक निर्वाचन सीट से आया। यहां से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार अफाक अहमद ने महागठबंधन (भाकपा)  उम्मीदवार व दिवंगत केदारनाथ पांडेय के बेटे आनंद पुष्कर को हराया। वहीं, गया शिक्षक सीट को भाजपा ने महागठबंधन से छीन लिया है। विधान परिषद की गया व सारण स्नातक और गया, कोसी तथा सारण शिक्षक सीट के  लिये 31मार्च को वोट डाले गये थे। सारण में प्रशांत किशोर के समर्थित उम्मीदवार की जीत से पीके की टीम में खुशी की लहर दौड़ गई है। जीती गई सीटों में दो पर भाजपा, दो पर महागठबंधन और एक सीट निर्दलीय के खाते में गई है।

गया सीट पर भाजपा प्रत्याशी ने जदयू प्रत्याशी को हराया

गया शिक्षक निर्वाचन सीट पर भाजपा ने बाजी मारी है। दूसरी वरीयता के वोटों की गिनती के बाद भाजपा के प्रत्याशी जीवन कुमार ने लगभग चार हजार वोटों से जदयू के संजीव श्याम सिंह को  हराया। यह जदयू की सीटिंग सीट थी।  यहां तीसरे नंबर पर निर्दलीय अभिराम शर्मा रहे, जिन्हें प्रशांत किशोर का समर्थन हासिल था। भाजपा के जीवन कुमार को दूसरे वरीयता की गिनती के बाद विजयी घोषित कर दिया गया। वहीं कोसी शिक्षक निर्वाचन सीट पर जदयू ने जीत हासिल की है। यहां पर पूर्व विधान पार्षद शारदा सिंह के बेटे और जदयू उम्मीदवार डॉ. संजीव कुमार सिंह ने जीत दर्ज किया। उन्होंने भाजपा ने रंजन कुमार को मात दी। इस सीट पर भाजपा और जदयू के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा था। लेकिन काउंटिंग के बाद परिणाम डॉ. संजीव कुमार सिंह के पक्ष में ही आए।

सारण सीट महागठबंधन के खाते में

वहीं सारण स्नातक सीट पर महागठबंधन के उम्मीदवार वीरेंद्र नारायण यादव ने एनडीए उम्मीदवार महाचन्द्र प्रसाद सिंह को पछाड दिया। सारण स्नातक क्षेत्र पर कुल 9 उम्मीदवार मैदान में थे, मगर जदयू और भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला था। जबकि गया स्नातक सीट पर भाजपा के अवधेश नारायण सिंह का सामना राजद के डॉ. पुनीत सिंह से था। डॉ. पुनीत सिंह की प्रतिष्ठा सीधे सत्ताधारी  राजद से जुडी थी। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के भाई डॉ. पुनीत सिंह को जिताने के लिए राजद ने पूरी ताकत झोंक रखी थी। राज्य की राजनीति में कद और अनुभव के हिसाब से अवधेश नारायण सिंह बीस पडे हैं, इसलिए यह सीट प्रतिष्ठा के टकराव का सबसे बड़ा इलाका था। भाजपा ने विधान परिषद के पूर्व सभापति और मौजूदा विधान पार्षद अवधेश नारायण सिंह को मैदान में उतारा था। यह सीट प्रतिष्ठा पर इसलिए भी फंसी थी, क्योंकि उम्मीद और दावों से उलट गया के शिक्षक सीट पर जदयू के अनुभवी प्रत्याशी संजीव श्याम सिंह को भाजपा के जवान चेहरे जीवन कुमार ने वोटों की गिनती में पछाड़ दिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.