ब्लास्ट से पहले 10 दिन नूंह में ठहरा था उमर
दिल्ली ब्लास्ट मामले में जांच तेजी पकड़ रही है और इसी कड़ी में नूंह जिला फिर से सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर आ गया है। जांच में सामने आया है कि मुख्य संदिग्ध उमर ब्लास्ट से पहले करीब 10 दिन तक नूंह के एक किराए के मकान में ठहरा हुआ था। इसी आधार पर पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त टीम ने उस घर पर बम-स्क्वॉड और फॉरेंसिक टीम के साथ गहन जांच की।
बम-स्क्वॉड ने पूरे घर को चेक करते हुए संभावित विस्फोटक सामग्री, रासायनिक निशान, डिजिटल डिवाइस और संदिग्ध सामान की तलाश की। सुरक्षा एजेंसियों ने घर से मिले कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दस्तावेज और पैकिंग सामग्री को अपने कब्जे में लेकर लैब जांच के लिए भेज दिया है। अधिकारियों का मानना है कि उमर ने नूंह में रहते हुए ब्लास्ट की तैयारी में इस्तेमाल होने वाले संसाधन जुटाए होंगे।
जांच को नई दिशा तब मिली जब पता चला कि उमर का अल-फलाह यूनिवर्सिटी से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध हो सकता है। इसी आधार पर अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन को जांच एजेंसियों ने समन जारी किया है, ताकि संदिग्धों से जुड़े संभावित संपर्क और गतिविधियों पर स्पष्टता मिल सके। एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि उमर ने विश्वविद्यालय परिसर में किसी से मुलाकात की थी या नहीं।
स्थानीय पुलिस और केंद्रीय जांच टीमों का मानना है कि नूंह में उमर की मौजूदगी कोई संयोग नहीं थी। क्षेत्र की संवेदनशीलता और पिछली घटनाओं को देखते हुए संभावना है कि उसे यहां सुरक्षा या लॉजिस्टिक सपोर्ट मिला हो। जांच अधिकारी किराए पर घर दिलवाने वाले लोगों, मकान मालिक और आसपास के निवासियों के भी बयान दर्ज कर रहे हैं।
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