पटना। बिहार के कद्दावर मुस्लिम नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी का राजद का प्रदेश अध्यक्ष बनना लगभग तय हो गया है। वह कुढ़नी विधान सभा उपचुनाव से पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर आसीन हो सकते हैं। कुढ़नी उपचुनाव के लिये पांच दिसंबर को मतदान होना है। पार्टी को भरोसा है कि सिद्दीकी मुस्लिम वोटों के बिखराव को रोकने में कामयाब होंगे।
राजद ने हाल ही में गोपालगंज सीट पर हुए उपचुनाव में मुस्लिम वोटों में बिखराव के कारण पार्टी उम्मीदवार की हार को बहुत ही गंभीरता से लिया है। पार्टी कुढ़नी में औवैसी फैक्टर दोहराये जाने की जोखिम लेना नहीं चाहती है। असदुद्दीन ओवैसी ने कुढ़नी में भी पार्टी का उम्मीदवार उतार दिया है। जबकि वहां मुख्य मुकाबला भाजपा और महागठबंधन के उम्मीदवारों के बीच है। जाहिर है एआइएमआइएम का उम्मीदवार गैर भाजपा मतों में ही सेंधमारी करेगा, जिसका नुकसान महागठबंधन के प्रत्याशी को होगा।
गौरतलब है कि गोपालगंज में ओवैसी के उम्मीदवार को 12 हजार से अधिक वोट मिले थे,जबकि महागठबंन के प्रत्याशी की हार सिर्फ 1700 वोटों से हुई थी। राजद के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह अपने बेटे सुधाकर सिंह के कृषि मंत्री से इस्तीफे के बाद से नाराज हैं। वे लगातार दो महीने से पार्टी से दूरी बनाये हुए हैं। कुछ दिन पहले तक उन्हें मनाने की कोशिश की गयी थी। लेकिन अब पार्टी ने भी उनसे किनारा कर लिया है। बीते दिनों उन्होंने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बुलावे पर दिल्ली जाकर उनसे मुलाकात की, इस दौरान उन्होंने लालू यादव से अपनी तबीयत खराब रहने की बात कही।

दिल्ली से लौट कर पटना आने के बाद जगदानंद सिंह फिर अपने गांव चले गये। लालू परिवार के करीबी रहे जगदानंद नवंबर 2019 में पहली बार राजद के प्रदेश अध्यक्ष बने थे। पार्टी और लालू परिवार के प्रति वफादारी को देखते हुए उन्हें 21 सितंबर को दोबारा अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन इसके दस दिन बाद गांधी जयंती के दिन बेटे सुधाकर सिंह के मंत्रिमंडल से इस्तीफे की घोषणा कर उन्होंने पार्टी कार्यालय आना छोड़ दिया था। इस बीच राजद के नये प्रदेश अध्यक्ष को ले कर पार्टी के अंदर सिद्दीकी समेत कई नामों पर चर्चा हुई। राजद प्रमुख लालू यादव अभी दिल्ली में हैं। सिद्दीकी हाल ही में दिल्ली जाकर दो बार उनसे मिल चुके हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सिद्दीकी के नाम पर सहमति बन चुकी है।